Move to Jagran APP

फार्मेसिस्ट के हाथों रही इलाज की बागडोर

मथुरा में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के कार्यक्रम में दो विशेषज्ञों के जाने के बाद अस्पताल की बागडोर फार्मेसिस्टों और प्रशिक्षु स्वास्थ्य कर्मियों ने संभाली। न सिर्फ मरीजों की जांच की बल्कि उन्हें उचित उपचार भी दिया। उधर, निश्चेतक डॉ. नानक चंद्र द्वारा वीवीआइपी ड्यूटी पर जाने से इनकार किए जाने के बाद उनके खिलाफ शासन को पत्र लिखा गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:23 PM (IST)
फार्मेसिस्ट के हाथों रही इलाज की बागडोर

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : मथुरा में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के कार्यक्रम में दो विशेषज्ञों के जाने के बाद अस्पताल की बागडोर फार्मेसिस्टों और प्रशिक्षु स्वास्थ्य कर्मियों ने संभाली। मरीजों की जांच के बाद भी उपचार दिया। हालांकि मरीजों को भीड़ के चलते मुश्किल का सामना करना पड़ा। उधर, निश्चेतक डॉ. नानक चंद्र द्वारा वीवीआइपी ड्यूटी पर नहीं जाने के कारण उनके खिलाफ अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

loksabha election banner

शुक्रवार को मथुरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल का भ्रमण कार्यक्रम था। ऐसे में मथुरा सीएमओ ने जिला अस्पताल से फार्मेसिस्ट समेत पांच विशेषज्ञों की मांग की थी। वीवीआइपी कार्यक्रम होने की वजह से तत्काल इंतजाम कराए गए। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार और चेस्ट फिजीशियन डॉ. धर्मेंद्र कुमार के साथ फार्मेसिस्ट ऋषि प्रकाश यादव को मथुरा भेजा गया। अस्पताल में तैनात निश्चेतक डॉ. नानक चंद्र ने किसी भी प्रकार की वीवीआइपी ड्यूटी पर जाने से इंकार कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने तत्काल सीएमओ मथुरा के साथ मंडलायुक्त और जिलाधिकारी मैनपुरी को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दे दी।

शुक्रवार को अस्पताल खुला तो स्थितियां रोज की तरह ही नजर आईं। दिन भर में 1428 मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया। व्यवस्थाएं बाधित न हों, इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने फार्मेसिस्टों के साथ प्रशिक्षु स्वास्थ्य कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी थी। अस्थि रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति में सर्जन डॉ. गौरव पारिख ने मरीजों की हड्डियों की प्रारंभिक जांच कर उपचार दिया।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके ¨सह का कहना है कि मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए सभी प्रकार के इंतजाम कराए गए हैं। एनआरसी के चिकित्सकों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। फिजीशियन की मनमानी से परेशान रहे मरीज

मौसमी बीमारियों से मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। इसके लिए फिजीशियन डॉ. जेजे राम को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन, बार-बार उनके कुर्सी छोड़कर परिसर में चहलकदमी करने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीज देर तक उनके इंतजार में बैठे रहे और कुछ मरीज निजी चिकित्सकों के यहां चले गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.