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मंडी प्रशासन ने काटी दुकानों की बिजली, अंधेरे में खरीद

मैनपुरी जासं। मंडी प्रशासन की मनमानी ने अब व्यापारियों के सामने समस्या खड़ी कर दी है। पखवाडे़ भर से मंडी की 215 से ज्यादा दुकानों में अंधेरा छाया हुआ है। आपूर्ति ठप कर दिए जाने से आढ़तों पर बिजली नहीं पहुंच रही है। परेशान कारोबारियों ने इस समस्या का निस्तारण कराए जाने की मांग करते हुए कारोबार प्रभावित होने की बात कही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 06:07 AM (IST)
मंडी प्रशासन ने काटी दुकानों की बिजली, अंधेरे में खरीद

जासं, मैनपुरी: नवीन गल्ला मंडी में शाम ढलते ही कारोबार लड़खड़ा रहा है। मंडी प्रशासन ने दुकानों के बिजली कनेक्शन काट दिए हैं, ऐसे में 215 से ज्यादा दुकानों में अंधेरा छाया हुआ है। परेशान कारोबारियों ने इस समस्या का निस्तारण कराए जाने की मांग करते हुए कारोबार प्रभावित होने की बात कही है।

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आगरा रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी में संचालित दुकानों की बिजली करीब 15 दिन पहले काट दी गई। फूडग्रेन कमीशन एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष उपदेश यादव का कहना है कि दिन में तो आढ़ती किसी प्रकार गुजारा करते हैं, लेकिन दिन ढलते ही समस्या गहराने लगती है। व्यापारियों को ढिबरी और चार्जेबल लाइटों को जलाकर किसानों का माल खरीदना पड़ रहा है। इन दिनों धान की खरीद का कारोबार हो रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में दूर-दराज से आए किसानों को रात मंडी में ही बितानी पड़ती है। अंधेरा होने के कारण किसानों को भी परेशानी होती है।

टेक्स तो देते हैं हम

आढ़तियों का कहना है कि मंडी में 215 दुकानों पर लगभग 600 कारोबारी हैं। लगभग 25 बोरा धान इन दिनों रोजाना एक आढ़त पर आ रहा है। पूरी मंडी में लगभग 5377 कुंतल धान खरीद हो रही है। इससे होने वाली आय से लाखों रुपये का टैक्स हम आढ़ती मंडी समिति को देते हैं। शासनादेश के मुताबिक इस टैक्स की 60 फीसद धनराशि मंडी की सुविधाओं पर खर्च होनी चाहिए, लेकिन मंडी प्रशासन ऐसा नहीं कर रहा है।

'हम कारोबार करें या फिर प्रशासन की प्रताड़ना झेलें। बिजली काटे जाने की शिकायत कई बार की गई है लेकिन मंडी प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं हुई।'उपदेश यादव

'किसानों को तो परेशानी हो ही रही है। दिन ढलते ही अंधेरे में इस बात का डर सताने लगता है कि कहीं हमारा माल चोरी न हो जाए। कोई सुरक्षा नहीं है।'बलवंत सिंह राठौर

'मेरी दुकान पर तो मीटर भी लगा है। बिल भी पेड करता हूं। बावजूद इसके पखवाडे़ भर से बेवजह की परेशानी झेल रहा हूं। यह तो सरासर मनमानी है।'लक्ष्मी नारायण

'बिजली न होने की वजह से सबमर्सिबल नहीं चलतीं। जिससे पीने के पानी की समस्या बढ़ जाती है। हम लोगों को पानी भी दूर लगे हैंडपंपों से भरकर लाना पड़ता है।'दिनेश कुमार

'हमारे यहां से सप्लाई चालू है। मंडी में कोई बिजली नहीं काटी गई है। अब ये मंडी प्रशासन जाने कि वह कहां से आपूर्ति दे रहा है और किन लोगों की बिजली काटी गई है। ये उनकी व्यवस्था है।'मागेंद्र अग्रवाल, अधिशासी अभियंता विद्युत

'आढ़तियों की अपनी दुकानें हैं। ये मंडी के कनेक्शन से ही बिजली जला रहे थे जो पूरी तरह से चोरी में आता है। मंडी प्रशासन ने ऐसे सभी कारोबारियों के कनेक्शन कटवा दिए हैं। यदि इन्हें बिजली चाहिए तो अपना निजी कनेक्शन स्वीकृत कराएं। मंडी समिति स्ट्रीट लाइटों के माध्यम से मंडी को रोशन करवा रहा है। कोई समस्या नहीं है। प्रदीप कुमार, मंडी सचिव


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