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तप के प्रभाव से प्रशस्त होता है मोक्षमार्ग

शहर के श्री आदिनाथ जिनालय बड़ा मंदिर में भगवान श्रीजी का अभिषेक एवं पूजन के साथ प्रवचनों का सिलसिला शुरू हुआ। बाल ब्रह्मचारिणी अंजना दीदी ने कहा कि इच्छाओं का निरोध करना ही तप है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:52 PM (IST)
तप के प्रभाव से प्रशस्त होता है मोक्षमार्ग

जासं, मैनपुरी : शहर के श्री आदिनाथ जिनालय बड़ा मंदिर में गुरुवार को भगवान श्रीजी का अभिषेक और पूजन हुआ। प्रवचन देते हुए बाल ब्रह्मचारिणी अंजना दीदी ने कहा कि इच्छाओं का निरोध करना ही तप है। तप के प्रभाव से ही मोक्षमार्ग प्रशस्त होता है। ज्ञान के बिना कभी भी मुक्ति नहीं मिल सकती।

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शाम के समय में संगीतमय सामूहिक आरती हुई। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। श्रमण भारती द्वारा अंताक्षरी प्रतियोगिता आयोजित कराई गई। इस मौके पर संजीव जैन, सौरभ जैन, सम्यक जैन, प्रशांत जैन, आकाश जैन, अमित जिज्ञासु आदि मौजूद रहे।

भोगांव : पर्यूषण महापर्व के सातवें दिन जैन मंदिर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए जैन विद्वान पं. कैलाश चन्द्र जैन शास्त्री 'अचल' ने उत्तम तप धर्म पर प्रकाश डाला। कहा कि दुनिया सोचती है कि रोटी-कपड़ा और मकान पाकर ही खुश रहा जा सकता है, लेकिन जैन मुनि ऐसे संत हैं जो त्रण मात्र भी अपने पास नहीं रखते और आत्मिक आनंद व सुख का अनुभव करते हैं। प्रत्येक श्रावक का कर्तव्य है कि वह औषधि आहार, अभय तथा ज्ञान का दान करें। इस दौरान नलिन कुमार जैन, जयगुप्त जैन, डॉ. योगेश जैन, वीरचन्द्र जैन, राकेश जैन, अमन कुमार जैन, संजय जैन, प्रवीण जैन, अशेष जैन, आशू जैन, मनीष जैन, आरसी जैन, गौरव जैन, नवीन जैन, चक्रेश जैन, सौरभ जैन कुल्लू, शैंकी जैन आदि उपस्थित रहे।


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