सुसंस्कारित नारी संस्कारित समाज की प्रदाता: विशोक सागर
मैनपुरी जासं। शहर के आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में मंगलवार को विशोक सागर महाराज और क्षुल्लक विश्वरक्ष सागर ने कहा कि संस्कारित होना जरूरी है लेकिन निभाना उससे भी ज्यादा जरूरी है। सुसंस्कारित नारी संस्कारित समाज की प्रदाता हैं।
जासं, मैनपुरी: शहर के आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में मंगलवार को विशोक सागर महाराज और क्षुल्लक विश्वरक्ष सागर ने कहा कि संस्कारित होना जरूरी है, लेकिन निभाना उससे भी ज्यादा जरूरी है। सुसंस्कारित नारी संस्कारित समाज की प्रदाता है।
प्रवचन देते हुए जैन मुनि ने कहा कि संस्कार धर्म से ही प्राप्त होते हैं। जैसे मरु देवी पहले स्वयं धर्म से संस्कारित हुई, फिर धर्म में बालक को ऐसे संस्कार दिए कि उसने जन्म लेकर मां का नाम ही नहीं, परिवार और पूरे विश्व में अपना नाम रोशन किया। उन्होंने साधना कर खूब सिद्ध अवस्था प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नाड़ी ठीक चलना जरूरी होता है, उसी प्रकार सुसंस्कार नारी की परिवार में खास जरुरत होती है। तभी परिवार और समाज सुसंस्कार रह सकता है। उन्होंने कहा कि नारी सुसंस्कृत होने का प्रथम श्रेय आदिनाथ भगवान को जाता है, जिन्होंने दोनों पुत्रियों ब्रह्म मणि और सुंदरी को अच्छे संस्कार दिए। कार्यक्रम में विशाल जैन, जोली, राहुल जैन, अमित जैन, कमल जैन, आनंद कुमार आदि लोग मौजूद थे।