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किताबें आई नहीं, शुरू करा दीं परीक्षाएं

परिषदीय स्कूलों की तिमाही की परीक्षा में छात्रों की संख्या कम रही। परीक्षा समय पर शुरू नहीं हो सकी। शिक्षकों ने उत्तरपुस्तिकाएं बाजार से खरीदी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:07 PM (IST)
किताबें आई नहीं, शुरू करा दीं परीक्षाएं
किताबें आई नहीं, शुरू करा दीं परीक्षाएं

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: ²श्य एक :

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प्राथमिक विद्यालय भोजपुरा। शुक्रवार सुबह 8:35 तक यहां परीक्षा जैसा कुछ था ही नहीं। आंगन में शिक्षिकाओं के साथ बच्चे बैठे थे। 8:45 बजे शिक्षिका ने बोर्ड पर प्रश्न पत्र लिखना शुरू किया। 86 पंजीकृत बच्चों में से बमुश्किल 40 बच्चे ही विद्यालय पहुंचे थे। अधिकांश तो उत्तर पुस्तिकाएं लेकर ही नहीं आए। प्रधानाध्यापिका राधा त्रिपाठी का कहना है कि दूर-दूर से बच्चे आते हैं। इसलिए उन्हें आने में देर हो जाती है। ²श्य दो :

शहर के पॉवर हाउस स्थित परिषदीय स्कूल पर पंजीकृत 43 बच्चों में से 30 बच्चे ही परीक्षा देने पहुंचे थे। प्रधानाध्यापिका अभिलाषा चौहान ने बच्चों को उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई थीं। प्रश्नों को बोर्ड पर लिखकर पेपर कराया गया। जल्दबाजी में शिक्षिका ने ही बोर्ड पर प्रश्नों के उत्तर भी लिख दिए। गलती का अहसास होने पर उनको मिटाया। ²श्य तीन :

प्राथमिक विद्यालय खरपरी में सुबह नौ बजे तक परीक्षा शुरू नहीं हुई थी। बच्चे कमरों में बैठे हुए थे और ब्लैक बोर्ड खाली पड़ा था। प्रधानाध्यापक संजीव मिश्रा ने बताया कि अक्सर बच्चे इसी समय तक विद्यालय आते हैं। परीक्षा के बारे में सभी को पहले से जानकारी दे दी गई थी। बाद में यहां भी ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा कराई गई।

शुक्रवार से परिषदीय स्कूलों की तिमाही परीक्षाएं अधूरी तैयारियों के साथ शुरू करा दी गईं। विभाग ने बच्चों को अभी तक कक्षा तीन तक की पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई हैं। खुद शिक्षक भी कोर्स से अनजान है। ऐसे में ¨हदी विषय की परीक्षा पहले दिन औपचारिकताओं के बीच ही सिमटी रही। व्यवस्थाएं पूरी तरह से चौपट रहीं। किसी भी विद्यालय में समय पर परीक्षा शुरू नहीं हो सकी। शिक्षक भी पेपर को लेकर असमंजस में पडे़ रहे। ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों को खुद ही बाजार से उत्तर पुस्तिकाएं खरीदकर लानी पड़ीं। कस्बों में हुई परीक्षा

घिरोर में पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोसमा हिनूद, नगला भारा, नगला बाग और तारपुर में परीक्षा कराई गई। यहां नई किताबें उपलब्ध न कराए जाने की वजह से पुराने पाठ्यक्रम के अनुसार ही प्रश्न पत्र तैयार किए गए थे। भोगांव में प्राथमिक विद्यालय छाछा और कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर भी पुराने पाठ्यक्रम के अनुसार ही परीक्षा कराई गई। प्रधानाध्यापक मुहम्मद शमीम ने बताया कि अभी तक नई किताबें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। कस्बा के प्राथमिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम छोटा बाजार में बिना सिलेबस के ही परीक्षा शुरू कराई गई। ज्यादातर विद्यालय ऐसे रहे जिनमें परीक्षा की सूचना बहुत देर से वाट्सएप के माध्यम से दी गई। कुसमरा और करहल में भी परीक्षा हुई। किशनी में परीक्षार्थियों को बोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षाएं संपन्न कराई गईं। अजीतगंज में भी देर से परीक्षाएं शुरू हो सकीं।


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