सहालग की खरीदारी से शहर के बाजार गुलजार
मैनपुरी जासं। कोरोना वायरस के निरंतर बढ़ते संक्रमण के बीच बुधवार से जिले भर में बैंडबाजा बरात की धूम मचना शुरू होगी। बुधवार को सीजन का सबसे बड़ा सहालग है। मंगलवार को बाजारों में खरीदारी को नागरिकों की भीड़ उमड़ती रही। सेहरा कपड़ा बर्तन लहंगा श्रृंगार के सामान सहित महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन का सामान खरीदा।
जासं, मैनपुरी: कोरोना वायरस के निरंतर बढ़ते संक्रमण के बीच बुधवार से जिले भर में बैंडबाजा, बरात की धूम मचना शुरू होगी। बुधवार को सीजन का सबसे बड़ा सहालग है। मंगलवार को बाजारों में खरीदारी को नागरिकों की भीड़ उमड़ती रही। सेहरा, कपड़ा, बर्तन, लहंगा, श्रृंगार के सामान सहित महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन का सामान खरीदा। वहीं हलवाई, कैटरिग, गेस्ट हाउस और सजावट वाले व्यवस्थाओं में लगे रहे। बाजार में खरीदारों की भीड़ से व्यापारियों के चेहरे खिले नजर आए।
जिले में इस वर्ष 29 फरवरी को अंतिम सहालग था। इसके बाद होलिका अष्टक और फिर लाकडाउन लगने से शादी समारोह पर ब्रेक लग गया था। अब नौ माह बाद एक बार फिर 25 नवंबर से सहालगों की धूम मचेगी। आठ-नौ माह से हाथ पर हाथ रखे बैठे बैंड-बाजा, गेस्ट हाउस, हलवाई, क्राकरी और सजावट वालों को उम्मीद बंधी है कि करीब पंद्रह दिन के सहालग में वह साल भर का व्यापार कर ले जाएंगे।
सेहरों की बिक्री
शादी में सेहरा का विशेष महत्व होता है। बाजार में सेहरा की दुकानों पर विवाह बंधन में बंधने वाले युवाओं ने मनपसंद और शेरवानी की मैचिग के सेहरा खरीदे। बाजार में सेहरा 200 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक, माला सौ से 1200 रुपये तक और चाकू 100 से 250 रुपये तक मौजूद है। वहीं जूतियां, पटका सहित अन्य श्रंगार के सामान की भी खूब बिक्री हुई।
लहंगा, शेरवानी आज भी पसंद
शादी में दूल्हा पर शेरवानी और दुल्हन पर लहंगा जंचता है। इसी के चलते बाजार में शादी के कपड़े खरीदने आईं महिलाओं की पहली पसंद लहंगा रहा। चार हजार से 60 हजार रुपये तक के लहंगे महिलाओं ने पसंद किए। लहंगा के साथ उसी कलर के मास्क भी बाजार में मिल रहे हैं। वहीं, दो हजार से बीस हजार तक की शेरवानी भी खूब पसंद की गई।