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छुट्टा गो वंश के लिए तैयार हो रहा बसेरा

सुनने में थोड़ा अजीब है। लेकिन, सच है। सड़कों पर आवारा विचरण करने वाले गोवंशीयों की भी अब अपनी अलग कॉलोनी होगी। कॉलोनी में गाय, बैल और बछड़ा सभी के लिए अलग सराय बनेंगी। इसके लिए ट्रांसपोर्ट नगर में 5.75 एकड़ के बडे़ भू-भाग पर तीन करोड़ रुपये की लागत से गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 11:21 PM (IST)
छुट्टा गो वंश के लिए तैयार हो रहा बसेरा
छुट्टा गो वंश के लिए तैयार हो रहा बसेरा

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : सड़कों-गलियों में विचरण करने वाले आवारा गो वंश अब परेशानी का कारण नहीं बनेंगे। इनके लिए ट्रंासपोर्ट नगर में करीब छह एकड़ क्षेत्रफल में गो शाला का निर्माण अंतिम चरण में है। यहां पर एक हजार गो वंश रखे जा सकेंगे।

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विगत में ऐसे पशुओं के लिए हर शहर में कांजी हाउस की व्यवस्था होती थी। समय के साथ ये व्यवस्था ध्वस्त हो गई। कांजी हाउस खंडहर हो गए। इससे छुटटा पशु सड़कों और गलियों में विचरण करने लगे। सड़कों पर इन पशुओं के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं। शासन ने सड़कों पर छुट्टा घूमने वाले गोवंश के लिए अलग ठिकाना बनाने की अनुमति दे दी। शहर के आगरा बाइपास रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर में नगर पालिका की खाली पड़ी 5.75 एकड़ जमीन पर तीन करोड़ रुपये की लागत से गोशाला का निर्माण कराया जा रहा है। ये निर्माण अंतिम दौर में है। उम्मीद है कि नवंबर में इसे चालू कर दिया जाए।

इस गोशाला की खासियत इसका निर्माण है। यहां गाय, बछडे़, बैल और सांड को रखने के लिए अलग-अलग सराय बनवाई जा रही है। एक हजार गोवंश को रखने की क्षमता वाली इस गोशाला में शहर के सभी आवारा गोवंशों को रखा जाएगा। उनकी देखभाल के साथ चारे की भी व्यवस्था कराई जाएगी। कर अधीक्षक नगर पालिका रामअचल का कहना है कि फिलहाल छुट्टा गोवंश की देखभाल और चारे को लेकर किसी प्रकार का शासनादेश नहीं मिला है। लेकिन, माना जा रहा है कि इसकी जिम्मेदारी किसी एनजीओ को सौंपी जाएगी। शासनादेश के अनुसार ही व्यवस्था कराई जाएगी। गोशाला में हर पशु की होगी टै¨गग

कर अधीक्षक रामअचल का कहना है कि जो भी गोवंश पकडे़ जाएंगे, गोशाला ले जाने से पहले उनकी टै¨गग (गले में पट्टी या कान में टेप) कराई जाएगी। इसी टै¨गग के आधार पर इनकी गणना होगी। इसका फायदा यह होगा कि हम आसानी से इनकी पहचान कर सकेंगे। गोवंश गोशाला में आने के बाद दोबारा बाहर न जाए। गोशाला में कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। इतना ही नहीं, योजना है कि गोशाला के चारों ओर हाई डेफीनेशन वाले सीसीटीवी कैमरे भी लगवाएं जाएं ताकि मॉनीट¨रग सही ढंग से हो सके। हर माह होगा पशुओं का चिकित्सीय परीक्षण

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पुष्प कुमार का कहना है कि गोवंश की देखभाल और स्वास्थ्य जांच के लिए व्यवस्था कराई जाएगी। चिकित्सकों की एक टीम पशुओं के स्वास्थ्य का नियमित जांच करेगी। मौसमी बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए टीकाकरण भी किया जाएगा। बॉक्स:: पालतू पशुओं को छोड़ने पर लगेगा जुर्माना

अधिशासी अधिकारी मनोज रस्तोगी का कहना है कि शहर में कई पशुपालक ऐसे हैं जो पालतू गोवंश का दूध निकालने के बाद उन्हें खुला छोड़ देते हैं। ऐसे मवेशी सड़कों पर जाम लगाने के साथ हादसों की वजह भी बनते हैं। निर्माण पूरा होने के बाद यदि कोई भी गोवंश सड़क पर स्वच्छंद विचरण करता मिलेगा तो उसे पकड़वाकर गोशाला में बांध दिया जाएगा। बाद में यदि उनके पालक गोवंश को छुड़ाने जाएंगे तो उनसे लिखित में बयान लिया जाएगा कि वे दोबारा ऐसा नहीं करेंगे। इतना ही नहीं, लापरवाही न बरतें इसके लिए उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा।


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