जगह-जगह जलभराव, सड़कों पर फैला कूड़ा
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : विकास खंड जागीर का गांव मंछना सुविधाओं को मोहताज है। विभागीय अनदेखी के शि
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : विकास खंड जागीर का गांव मंछना सुविधाओं को मोहताज है। विभागीय अनदेखी के शिकार इस गांव में न तो सफाई के बेहतर इंतजाम हैं और न ही जलनिकासी के प्रबंध। सार्वजनिक रास्तों पर जगह-जगह पर बिखरा पड़ा कूड़ा लोगों की मुश्किल बढ़ाता है। जिला मुख्यालय से लगभग नौ किमी की दूरी पर बसा मंछना गांव खुद ग्राम पंचायत है। इस ग्राम पंचायत में तीन मजरे आते हैं। लेकिन, स्थिति विषम है। तीनों गांवों में मात्र एक सफाई कर्मचारी की ही तैनाती है। सफाई कर्मचारी की कमी के कारण गांव में स्वच्छता बदहाल है। नालियों की सफाई नियमित न होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर बहता है। काफी दिनों से सफाई न होने के कारण नालियों में मच्छरों की संख्या भी बढ़ने लगी है। हाल यह है कि प्राथमिक विद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार को ही ग्रामीणों ने डलावघर बना डाला है। ग्रामीण यहां अपने घरों से कूड़ा-करकट लाकर सड़क किनारे ही फेंकते हैं। स्थिति यह है कि कचरे के ढेर के कारण स्कूल का प्रवेश द्वार भी बाधित होने लगा है। पंचायत घर में भी जलभराव की स्थित ग्रामीणों की मुश्किल बढ़ाती है। गांव में मुख्य स्थान पर लगा हैंडपंप खराब पड़ा होने के कारण आसपास के लोगों को दूर जाकर पानी भरकर लाना पड़ता है।
क्या बोले लोग
'गंदगी की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी होती है। गर्मी बढ़ने के साथ अब बीमारियों के फैलने का डर भी बढ़ने लगा है। यदि नियमित सफाई हो तो समस्या दूर हो सकती है।'राजीव वाल्मीकि।
'जल निकासी के इंतजाम बेहतर नहीं हैं। नालियों का पानी सड़कों पर बहता है। बरसात के मौसम में तो लोगों को गंदे पानी के बीच से होकर ही गुजरना पड़ता है।'वीरेंद्र ¨सह।
'गांव के बीचों-बीच लगा हैंडपंप खराब पड़ा हुआ है। तपती धूप में लोगों को पानी लाने के लिए दूर लगे हैंडपंपों पर जाना पड़ता है। परेशानी तो हो ही रही है।
'कुंवरपाल।
'स्वच्छता की जमकर अनदेखी की जा रही है। पूरे गांव की स्थिति खराब है। न तो ग्राम प्रधान सुनते हैं और न ही दूसरे अधिकारी। गांव वाले तो कहकर थक गए हैं।'
राधे दिवाकर।
'एकमात्र सफाई कर्मी की तैनाती है। इस वजह से सफाई कार्य में व्यवधान होता है। व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए ग्रामीणों से भी अपील की जाती है। लेकिन, गांव वाले गंदगी फैलाने से बाज नहीं आते। स्कूल के प्रवेश द्वार पर ही कूड़ा फेंकते हैं। यदि ग्रामीण सहयोग करें तो निश्चित ही अव्यवस्था दूर कराई जा सकती है। बहुत सी अव्यवस्थाएं हैं, उन्हें दूर कराने के लिए लगातार प्रयास कराए जा रहे हैं।'देवदत्त पांडेय सचिव