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डेंगू बुखार से दो और लोगों की मौत, कई अस्पताल में भर्ती

मैनपुरी जासं। मैनपुरी में डेंगू का कहर काल बनकर टूटा है। राजीव गांधी नगर में शनिवार को एक बालक समेत दो और लोगों की मौत हो गई। अकेले इस कॉलोनी में ही मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 10 पहुंच चुका है। जिला अस्पताल में सेफ वार्ड के हालात तो और भी बदतर हैं। ईएमओ और स्टाफ नर्स भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 10:07 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 06:27 AM (IST)
डेंगू बुखार से दो और लोगों की मौत, कई अस्पताल में भर्ती

जासं, मैनपुरी: राजीव गांधी नगर में शनिवार को एक बालक समेत दो लोगों की डेंगू बुखार से मौत हो गई। अकेले इस कॉलोनी में ही मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 10 पहुंच चुका है। जिला अस्पताल में सेफ वार्ड के हालात तो और भी बदतर हैं। ईएमओ और स्टाफ नर्स भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं।

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शहर की दर्जन भर कॉलोनियां डेंगू की गिरफ्त में हैं। आगरा रोड स्थित राजीव गांधी नगर में तो हालात बेहद भयावह हैं। रामू चौहान (26) पुत्र जयवीर सिंह को डेंगू था। जिला अस्पताल से आगरा रेफर किया गया उसके बाद मथुरा। मथुरा ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया। कॉलोनी के ही राज (7) पुत्र स्व. जयवीर सिंह राजपूत को भी अस्पताल से आगरा भेजा गया था, जहां बालक की मौत हो गई। दोपहर में दोनों शवों के पहुंचने से लोगों का आक्रोश भड़क गया। स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। जबकि, ईएमओ डॉ. राजेश यादव और स्टाफ नर्स शालिनी सागर को भी डेंगू का उपचार दिया जा रहा है। सेफ वार्ड में गौरव कुमार (23) पुत्र महेश चंद्र निवासी ब्रह्मानान सुजान (26) पुत्र अंगद सिंह निवासी भारापुर नगरिया और चंद्रशेखर (35) पुत्र रामेश्वर निवासी गग्गरवाला बेवर को अस्पताल के सेफ वार्ड में भर्ती कराया गया है। आधा सैकड़ा से ज्यादा की मौत, लगभग पांच सैकड़ा बीमार

डेंगू से अलग-अलग क्षेत्रों में आधा सैकड़ा से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग पांच सैकड़ा से ज्यादा मरीज मैनपुरी, आगरा, कानपुर, फीरोजाबाद के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। यहां बरपा कहर

नगला निरंजन, भोजपुरा, कछपुरा, अजीतगंज, संसारपुर, आवास विकास कॉलोनी, बैंक कॉलोनी, देवपुरा, राजीव गांधी नगर, रामलीला मैदान, पंजाबी कॉलोनी, डॉक्टर्स कॉलोनी सहित दर्जनों क्षेत्रों में डेंगू कहर बरपा रहा है। समय रहते नहीं किए थे इंतजाम

स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर बार बंद कमरों में बैठकें कर कागजी खानापूरी की जाती थी लेकिन लार्वा को मारने के कोई इंतजाम नहीं कराए गए थे। अगस्त में पहला मामला मिलने पर महकमा हरकत में आया। सितंबर में डेंगू से हुई मौतों ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोल दी। अपना गुडवर्क दिखाने के लिए जिम्मेदारों ने आनन-फानन में फॉगिग कराने और कैंप लगाने की औपचारिकता निभाई। राजीव गांधी नगर के लोगों में संजीव, सुधीर, ध्रुव तोमर और सुरेंद्र चौहान का कहना है कि मेडिकल कैंप की टीम कभी भी घरों में पहुंची ही नहीं। एक स्थान पर ही रजिस्टर भरकर लौट गई। 'कई बार कहा, लेकिन पालिका प्रशासन सुनता कहां है। हमने तो फॉगिग कराई है। अब मशीन ही खराब रहती है तो क्या करें। लोग झूठ बोलते हैं। मेरी कॉलोनी में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं है। हां बीमारी जरूर फैली है। अब लिखकर ही दे सकते हैं। निजी साधन कहां से लाएं।'

महेश चंद्र, सभासद नगला रते।


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