शहर में खतरा बनीं बिजली की हाईटेंशन लाइन
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : कमीशन के साथ ही टेंडर में हेराफेरी कर अपनी जेबें ठूंसन
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : कमीशन के साथ ही टेंडर में हेराफेरी कर अपनी जेबें ठूंसने वाले बिजली अभियंताओं की लापरवाही शहर में खतरा बन चुकी है। बगैर गार्डिग के बिछाई गई लाइनें आए दिन टूटतीं रहती हैं।
कलक्ट्रेट रोड पर शिवमंगल ¨सह क्लब के सामने मुख्य सड़क पर 11 हजार वोल्टेज की हाइटेंशन लाइन गुजरी है। यहां चौबीस घंटे आवागमन लगा रहता है। आसपास आबादी भी है। इस विद्युत लाइन में गार्डिग नहीं है। रविवार को फाल्ट होने से करंट दौड़ता तार टूटकर जमीन पर गिर गया था, जिससे कई राहगीर चपेट में आते-आते बचे थे। विद्युतकर्मियों ने फॉल्ट तो सुधार दिया था, मगर गार्डिग को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती गई।
भांवत चौराहा से पॉवर हाउस कॉलोनी तक मुख्य सड़क के दोनों ओर आबादी है। यहां भी बिजली विभाग द्वारा हाइटेंशन लाइन के तार बिछाए गए हैं। लेकिन, इन तारों के नीचे लोहे की गार्डिंग नहीं कराई गई है। चौबीस घंटे लोगों की आवाजाही रहती है। बावजूद इसके यहां सुरक्षा मानकों को अनदेखा किया गया है।
विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनुसार मुख्य सड़कों के साथ आबादी वाले क्षेत्रों के बीच से गुजरने वाली हाइटेंशन लाइनों के नीचे लोहे के तारों की गार्डिंग कराई जानी चाहिए। ताकि, फाल्ट की वजह से यदि कोई एचटी लाइन का तार टूटकर न चे गिरता है तो वह गार्डिंग के सुरक्षा घेरे पर ही लटकता रहे। जिससे रास्तों से गुजरने वाले लोगों को किसी प्रकार का नुकसान न हो। लेकिन, पूरे शहर में ऐसे दर्जनों मुख्य मार्ग और आबादी क्षेत्र हैं जहां से हाईटेंशन लाइन बगैर गार्डिग के गुजर रही है।
अब तक के हादसों में 43 की मौत
एचटी लाइन के टूटने और उनकी चपेट में आने से बीते पांच वर्षों में 43 लोगों की मौत हो गई। विद्युत वितरण खंड प्रथम में 2012 से 2017 तक कुल 12 लोगों की मौत हुई। 2013-14 में एक, 2014-15 और 2015-16 में क्रमश: चार-चार जबकि 2016-17 में तीन लोग करंट की चपेट में आने से मौत की आगोश में समा गए। विद्युत वितरण खंड द्वितीय में 2013-14 में पांच, 2014-15 में एक, 2015-16 में 12 और 2016-17 में 13 लोगों की जान चली गई थी।
फाल्ट दूर करने के नाम पर लापरवाही
लापरवाही के पीछे बिजली विभाग की लापरवाही बड़ी वजह है। एक अधिकारी ने बताया कि अक्सर फाल्ट दूर करने के लिए विभागीय कर्मचारियों द्वारा गार्डिंग के तारों को काटकर अलग कर दिया जाता है। फाल्ट तो दूर हो जाता है लेकिन कर्मचारी दोबारा उन गार्डिंग को नहीं लगाते हैं। यह सच है कि जो ठेकेदार बिजली के तारों को बिछाते हैं, उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे ही गार्डिंग के भी प्रबंध कराएंगे, लेकिन हर बार लापरवाही बरती जाती है।
तार टूटने की ये भी है बड़ी वजह
- एचटी लाइन पर कटिया डालने से स्पार्किंग होती है और तार धीरे-धीरे कमजोर हो जाते हैं। बाद में यही तार टूटते हैं।
- अवैध तरीके से एचटी लाइनों के नीचे लोगों द्वारा अपने मकान बना लिए जाते हैं। सबसे बड़ी वजह तो यही है कि ऐसे आबादी क्षेत्रों को बसाने की अनुमति देते समय सुरक्षा मानकों को अनदेखा कर दिया जाता है।
- एचटी लाइन के चारों ओर कई बार वृक्षों की टहनियां आती हैं। इनका कटान न होने पर उनमें स्पार्किंग होती है और तार टूटकर गिर जाते हैं।
- कई बार दो तारों को जोड़ने के दौरान भी बरती गई लापरवाही हादसे का सबब बनती है।
क्या बोले लोग
'कलक्ट्रेट पर दिन भर लोगों का ठहरना होता है। गाड़ियां भी खड़ी रहती हैं। ऐसे में बीच सड़क से गुजर रही एचटी लाइन से हर समय हादसे का खतरा बना रहता है।'रवनीश दुबे, भोगांव।
'शहर में पॉवर हाउस कॉलोनी को ही देखिए। सैकड़ों लोग रहते हैं लेकिन बिजली विभाग द्वारा कहीं भी एचट लाइन के नीचे गार्डिंग नहीं कराई है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।'भीम कालरा, यादव नगर।
'दो साल पहले मैनपुरी-इटावा बाइपास मार्ग पर एफसीआइ गोदाम के गेट पर एचटी लाइन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की जलकर मौत हो गई थी। यहां भी गार्डिंग के कोई इंतजाम नह ं थे।'राहुल यादव, राजा का बाग।
'करहल रोड, आगरा रोड सहित कई मुहल्लों में भी घोर लापरवाही बरती गई है। यहां भी आबादी क्षेत्र के बीच से गुजरी एचटी लाइन के नीचे गार्डिंग न होने से हादसे का भय बना रहता है।'दीपक शर्मा, भांवत चौराहा।
'सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी नहीं की जाएगी। शहर के सभी एचटी लाइन के तारों का ¨चहांकन कराया जा रहा है। अनहोनी की आशंका वाले क्षेत्रों में गार्डिंग कराई जाएगी। अब जो भी नए टेंडर होंगे, उनमें गार्डिंग की शर्त को शामिल किया जाएगा।
'एससी शर्मा,अधिशासी अभियंता, विद्युत।
मैनपुरी :
थाना बिछवां क्षेत्र के गांव अढूपुर निवासी किसान उपदेश (20) व आदेश (40) मंगलवार को सुबह अपने खेत में खड़ी ट्रैक्टर ट्राली में आलू लोड कर रहे थे। खेत के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरी है जो ढीली होकर काफी नीचे आ गई। आलू लादते समय दोनों किसान करंट की चपेट में आकर झुलस गए। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।