मजदूरी व भीख मांगने वाले बच्चे जाएंगे स्कूल
मैनपुरी जासं। होटलों भट्ठों और भीख मांगने वाले बच्चे भी पढ़ लिखकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2019-20 में शारदा आउट ऑफ स्कूल योजना शुरू की है। योजना के तहत विभाग ने जिले भर में करीब 70 बच्चे चिन्हित कर लिए है। 20 अप्रेल तक इन बच्चों को परिषदीय स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा। आगे भी ऐसे बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है।
जासं, मैनपुरी: होटलों, भट्ठों और भीख मांगने वाले बच्चे भी पढ़ लिखकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2019-20 में शारदा आउट ऑफ स्कूल योजना शुरू की है। योजना के तहत विभाग ने जिले भर में करीब 70 बच्चे चिन्हित कर लिए है। 20 अप्रेल तक इन बच्चों को परिषदीय स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा। आगे भी ऐसे बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है।
सरकार शिक्षा को लेकर काफी सजग है। इसे लेकर परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को भोजन से लेकर ड्रेस जूता मोजा और बस्ता व किताबें भी मुफ्त दे रही है। इन योजनाओं के बाद भी कई बच्चे होटलों और भट्ठों पर काम करते हैं। इन्हें शिक्षा का मतलब भी नहीं पता है। ऐसे बच्चों को शिक्षित बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके इसके लिए सरकार ने शारदा आउट ऑफ स्कूल योजना की शुरूआत की है। शिक्षा निदेशालय ने बीएसए को इन बच्चों का चिन्हांकन कर स्कूलों में प्रवेश कराने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में पंजीकृत बच्चों का प्रवेश दिलाने के बाद दूसरा चरण जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कहा गया था। 31 मार्च 2019 तक शिक्षा विभाग ने लगभग 70 बच्चे पंजीकृत कर लिए हैं। जल्द ही इनके प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 2019-20 में शारदा आउट ऑफ स्कूल योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत भीख मांगने वाले, होटलों और मजदूरी करने वाले बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया जाना है। पहले चरण में जिले के नौ ब्लाकों और नगर क्षेत्रों को मिलाकर 70 बच्चों का पंजीकरण हो गया है। इन बच्चों को 20 अपै्रल तक प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए गए हैं।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए मैनपुरी