आंसू भरी आंखों में उम्मीद की किरण
मैनपुरी, किशनी: देश की रक्षा के लिए तैनात बेटा बादल फटने से लापता हो गया। मगर, बुजुर्ग पित
मैनपुरी, किशनी: देश की रक्षा के लिए तैनात बेटा बादल फटने से लापता हो गया। मगर, बुजुर्ग पिता की डबडबाई आंखों में अब भी उम्मीद की किरण दिख रही है। सैनिक के परिजन लगातार सैन्य अधिकारियों के संपर्क में हैं। सौ फीट गहरी खाई में गिरे सैनिक की लगातार तलाश जारी है।
क्षेत्र के गांव कोडर निवासी अशोक कुमार सेना में हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में है। सात दिन पहले धारचूला के पास सात दिन पहले चीनी सीमा पर अपने सैनिकों को रसद पहुंचाने निकले अशोक और उनके साथी बादल फटने के दौरान लापता हो गए। सूचना परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। परिजन सैनिक अधिकारियों से लगातार अशोक के बारे में पूछ रहे हैं। साथी हवलदार जयकुमार से लगातार फोन पर संपर्क किया जा रहा है। जयकुमार ने परिजनों को बताया कि हेलीकॉप्टर के जरिए पानी में भारी चुंबक डालकर सैनिक से साथ लापता हुई गाड़ी का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। बाढ़ के पानी के कारण दिक्कत हो रही है। बुजुर्ग पिता अतर ¨सह रात-दिन बेटे की सलामती की दुआ कर रहे हैं। आंखें पानी से डबडबाई हैं, लेकिन उन आंखों में बेटे के सही सलामत मिलने की चमक है। पत्नी मनीषा का भी रो-रोकर बुरा हाल है।