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कोरोना मरीजों की फीडिंग में बाजीगरी

प्रदेश में सबसे ज्यादा 71 मरीज दर्शाए गए पोर्टल पर रिकार्ड में सिर्फ एक कई चरणों में मानीटरिग के बावजूद आंकड़ों में व्यापक अंतर

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 06:35 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 06:35 AM (IST)
कोरोना मरीजों की फीडिंग में बाजीगरी
कोरोना मरीजों की फीडिंग में बाजीगरी

जासं, मैनपुरी: कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। शासन-प्रशासन सतर्क और सजग है। एक-एक मरीज की निगेहबानी कर रहा है। कई माध्यमों से हर रोज मरीज से बात कर उनका हालचाल लिया जा रहा है। इसके बाद जो डाटा फीड किया जा रहा है, उसमें व्यापक गड़बड़ी है। मैनपुरी जिले में ही कोविड पोर्टल पर 30 जुलाई को 71 मरीजों का आंकड़ा दर्शाया गया। जबकि जिले में विभागीय रिकार्ड में सिर्फ एक मरीज है। आश्चर्य तो ये है कि स्वास्थ्य विभाग भी अपनी छीछालेदर होते देखता रहा। 'जागरण' में खबर प्रकाशित होने के बाद नींद टूटी और अब डाटा को संशोधित करने की कवायद करने लगे हैं।

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कोविड के सरकारी पोर्टल पर पूरे प्रदेश भर के जिलों का डाटा आनलाइन रहता है। इसमें 30 जुलाई को मैनपुरी में 71 सक्रिय केस दर्शाए गए। ये संख्या प्रदेश भर में सबसे ज्यादा बताई गई। शनिवार के अंक में 'जागरण' में ये खबर प्रकाशित हुई। इतनी तादाद में मरीजों का हवाला देख स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई। जबकि सीएमओ डा. पी पी सिंह के अनुसार, जिले में मात्र एक सक्रिय मरीज है।

ऐसे होती है फीडिंग: संदिग्धों की जांच रिपोर्ट को हर रोज शाम को आठ बजे तक मरीज का नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ कोविड पोर्टल पर अपलोड कराया जाता है। संक्रमण की पुष्टि होते लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम, कोविड कमांड सेंटर, पुलिस कंट्रोल रूम और संबंधित निकाय प्रशासन को जानकारी दी जाती है। मरीज की स्थिति में किसी तरह का बदलाव आने की जानकारी को अपडेट कराया जाता है। कोविड पोर्टल इसके बाद अद्यतन फीडिंग डाउनलोड करता है।

अजब है जिम्मेदारों का तर्क: हो सकता है कि कुछ मरीज दूसरे जिले में जाकर भर्ती हो गए हों। संबंधित जिले ने उन्हें मैनपुरी के खाते में फीड करा दिया हो।

यहां के मूल निवासी कई लोग दूसरे जिले में रहते हैं। उस जिले में भर्ती होने पर फीडिंग में मैनपुरी जिला लिखा हो।

तर्क पर उठते ये सवाल:

मैनपुरी जिले में विभाग ने पोर्टल को नियमित चेक क्यों नहीं किया। अगर मरीजों की संख्या में अंतर था तो संशोधित क्यो नहीं कराया। कहां हुई गलती: कोरोना मरीजों की मानीटरिग जिले में कई माध्यम से होती है। लखनऊ कंट्रोल रूम भी नियमित मानीटरिग करता है। तब, पोर्टल पर ऐसी फीडिंग कैसे हो गई?

जिम्मेदारी तो बनती ही है: 30 जुलाई को पोर्टल पर मैनपुरी जिले में 71 केस दर्शाए गए। शनिवार को विभाग सिर्फ मरीज होने का दावा कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि मैनपुरी में लंबे समय से एक्टिव पाजिटिव मरीजों के सत्यापन में लापरवाही हो रही थी।

इनकी भी सुन लें :गैर जिलों के अस्पतालों ने यहां के मरीजों का डाटा मैनपुरी में ही फीड कर रखा था। ठीक होने के बाद भी उसे अपडेट नहीं किया गया। इसी वजह से मैनपुरी में 71 एक्टिव पाजिटिव मरीज पोर्टल पर दिख रहे थे। अब इसको अपडेट कराया जा रहा है। अब जिले में सिर्फ एक ही एक्टिव मरीज है, जो होम आइसोलेट है। निगरानी में कहां लापरवाही हुई, इसकी भी जानकारी की जा रही है। डा. पीपी सिंह, सीएमओ।

तारीख, मरीज, ठीक हुए

24 जुलाई, शून्य, शून्य

25 जुलाई, शून्य, शून्य

26 जुलाई , 01, शून्य

27 जुलाई, शून्य, दो

28 जुलाई, शून्य, तीन

29 जुलाई, शून्य, शून्य

30 जुलाई, शून्य, शून्य


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