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डीआइओएस देरी से, बीएसए तो आए ही नहीं

जासं मैनपुरी सीएम के आदेश यहां के अधिकारियों के लिए कोई महत्व नहीं रखते हैं। सरकार ने जिलास्तरीय अधिकारियों के कार्यालय आने का वक्त तय कर रखा है लेकिन अधिकारी अभी भी अपने मन से कार्यालय आने-जाने में लगे हैं। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिलास्तरीय अधिकारी सुबह साढ़े नौ बजे से एक घंटे तक अनिवार्य रुप से कार्यालय में बैठेंगे इस दौरान आने वाले फरियादी की समस्या का निराकरण करेंगे। माध्यमिक में इस पर कुछ देरी से ही अमल हो रहा है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में तो मनमौजी का आलम चला आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:15 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:28 AM (IST)
डीआइओएस देरी से, बीएसए तो आए ही नहीं

जासं, मैनपुरी: सीएम के आदेश यहां के अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि जिलास्तरीय अधिकारी सुबह साढ़े नौ बजे से एक घंटे तक अनिवार्य रूप से कार्यालय में बैठेंगे, इस दौरान आने वाले फरियादी की समस्या का निराकरण करेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग में इस पर कुछ देरी से ही अमल हो रहा है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में तो मनमौजी आलम चल रहा है।

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केस-1-

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय-

सुबह के ठीक 9.15 बजे हैं। बीएसए कार्यालय परिसर का लोहे का गेट खुला हुआ है, चार युवक क्रिकेट खेल रहे हैं। इसी दौरान एक महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने भवन का मुख्य द्वार खोलकर अफसरों के कार्यालय खोल दिए हैं, लेकिन इस समय तक कोई नहीं आया है। इसके करीब 15 मिनट बाद एक बाबू आते हैं और कार्यालय में जाकर काम में जुट जाते हैं। दस बजे से पहले कुछ और कर्मचारी आ जाते हैं। दस बजे एक बुजुर्ग महिला आती हैं, बीएसए के आने की जानकारी लेती हैं तो बरामदे में बेंच पर बैठे कर्मचारी उनके आने की मना कर देते हैं। इस वक्त तक कार्यालय में न बीएसए विजय प्रताप आए न कोई डीसी आया था। करीब दस मिनट बाद कर्मचारी और डीसी कार्यालय आने लगते हैं।

केस-दो-

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय-

सुबह के नौ बजे हैं, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यालय के बाहर परिसर में एकत्र कूड़े में आग लगाने के बाद अफसरों के कार्यालय में मेजों को साफ करने लगता है। करीब 9.25 बजे एक लिपिक आते हैं, इसके 15 मिनट बाद डीआइओएस सर्वेश कुमार कार्यालय आते हैं और चेंबर में बैठ जाते हैं। परिसर में खड़ी उनकी सरकारी गाड़ी को धोने में चालक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जुट जाते हैं। गाड़ी धोने तक सबमर्सिबल का पानी लगातार बहता रहता है। 9.50 बजे के बाद इस कार्यालय के दूसरे लिपिक और अफसरों का एक-एक कर आना शुरू होता है। यह क्रम 10.15 बजे तक चलता है।

डीएम के निरीक्षण के बाद भी नहीं बदले हालात-

डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बीते माह शिक्षा विभाग के दोनों कार्यालयों का निरीक्षण किया तो तमाम कर्मचारी गैरहाजिर मिले। गंदगी मिलने पर सुधार को कहा। सफाई में तो सुधार नजर आया, लेकिन अधिकारी और कर्मचारियों के आने के समय में कोई बदलाव नहीं आया।

शासन ने जिलास्तरीय अधिकारियों के कार्यालय में सुबह साढ़े नौ बजे से एक घंटे बैठने के लिए समय तय किया है। इस समय तक दोनों अधिकारियों को कार्यालय में बैठना चाहिए। बीएसए ऐसा नहीं करते हैं तो इसको देखा जाएगा।

नगेंद्र शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी।


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