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लेनगंज सब्जी मंडी में हर जगह गंदगी ही गंदगी, अफसर मौन

स्वछ दीपावली स्वस्थ दीपावली मुख्य द्वार से लेकर अंदर सभी जगह गंदगी पूरे परिसर में रहती दुर्गंध

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 06:10 AM (IST)
लेनगंज सब्जी मंडी में हर जगह गंदगी ही गंदगी, अफसर मौन
लेनगंज सब्जी मंडी में हर जगह गंदगी ही गंदगी, अफसर मौन

जासं, मैनपुरी : शहर में लेनगंज में सब्जी की मंडी है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग सब्जी की खरीदारी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन हालात खराब हैं। सब्जी के साथ खरीदारी इस मंडी से बीमारियां भी साथ ले जाते हैं। असल में पालिका प्रशासन की लापरवाही की वजह से सब्जी मंडी में अव्यवस्था का अंबार है। पूरी मंडी में एक भी कूड़ादान नहीं रखा गया है। दुकानदार सब्जियों के अपशिष्ट को खुले में ही फेंक देते हैं। सबसे बड़ी समस्या तो शौचालय और यूरीनल की है। पूरी मंडी में एक भी यूरीनल नहीं है। खरीदारी से लेकर दुकानदार तक सभी मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही लघुशंका करते हैं। वहीं प्रवेश द्वार के दूसरी ओर लगे हैंडपंप से पीने का पानी जुटाना पड़ता है। दुर्गंध की वजह से मजबूरी में लोगों को नाक बंद करके खरीदारी के लिए जाना पड़ता है। नालियों की कभी सफाई नहीं कराई जाती है। इसकी वजह से गंदगी सड़ती रहती है। विरोध तो कई बार किया गया, लेकिन सुनवाई न होने की वजह से अब दुकानदारों ने कहना ही बंद कर दिया है। महिलाओं को उठानी पड़ती है शर्मिंदगी

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सब्जी मंडी के प्रवेश द्वार पर ही लघुशंका के लिए अक्सर लोग खडे़ रहते हैं। ऐसे में यहां सब्जी खरीदने के लिए आने वाली महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि वे भी आखिर क्या करें। पूरी मंडी में सुविधा न होने की वजह से उन्हें ऐसा करना पड़ता है। सावधान

गंदगी कई बीमारियों की वजह बनती है। खुले में लघुशंका करने से कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया पैदा होने लगते हैं जो हवा के साथ सांसों में प्रवेश करते हैं। यदि ऐसे गंदे स्थान से कोई गुजरता है या फिर दोबारा उसी स्थान पर लघुंशका करते हैं तो यूटीआइ इंफेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। अन्य प्रकार की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। जरूरी है कि उचित प्रबंध कराए जाएं।

-डा. आलोक कुमार, दंत रोग चिकित्सक। इनसे सीखें

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डा. आशु दिवाकर का कहना है कि स्वच्छता सिर्फ दिखावा ही नहीं है बल्कि हमें इसे अपने जीवन में ढालना होगा। कुछ भी बेहतर करने की शुरुआत अपने घर से ही करनी होगी। वे स्वयं अपने घर और आसपास के स्थल की स्वच्छता का जिम्मा उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि वे एक चिकित्सक भी हैं और ऐसे में उनकी जवाबदेही समाज के प्रति ज्यादा है। वे जहां भी जाते हैं, स्थानीय लोगो से अपने घर और आसपास सफाई रखने की अपील करते हैं। अपील

हम सभी को अपनी जवाबदेही भी समझनी होगी। प्रत्येक दुकानदार को चाहिए कि वे अपनी-अपनी दुकानों के बाहर डस्टबिन रखें ताकि गंदगी सड़क पर न फैले।

गुड्डू राजपूत, कारोबारी। पालिका प्रशासन की जवाबदेही है कि सब्जी मंडी में बेहतर प्रबंध कराए जाएं। यूरीनल का न होना तो दुर्भाग्यपूर्ण है। ये स्थिति उस वक्त है जबकि कुछ दूरी पर ही पालिका का दफ्तर है।

टिकू श्रीवास्तव, समाजसेवी।

स्वच्छता के प्रति जवाबदेही सभी की है। जब हम सब अपना अपना काम स्वयं करने लगेंगे तो कचरा खुद ही खत्म होने लगेगा। अव्यवस्था इसलिए फैलती है कि हम पराश्रित होने लगे हैं।

श्याम बाबू मिश्रा, शिक्षक। पालिका को भी स्वच्छता के लिए पहल करनी चाहिए। सबसे ज्यादा जरूरी है मुख्य रास्तों पर डस्टबिन रखवाना। यदि डस्टबिन होंगे तो लोग स्वत: ही कचरे को उसमे फेंकेंगे।

बीके सिंह, शिक्षक।


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