समान पक्षी विहार में परदेशी प¨रदों का शिकार
कछुआ तस्करो ने उगला राज, पड़ोसी शहरों में सौदागर सक्रिय, डेढ़ से दो हजार रुपये में बिकता है एक पक्षी, मिल रहे ऑर्डर।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। कुदरत के वीजा पर पिकनिक मनाने समान पक्षी विहार आए विदेशी प¨रदों की जान खतरे में है। आमद शुरू होते ही इनका शिकार भी होने लगा है। एक-एक पक्षी को डेढ़ से दो हजार रुपये में बेचा जा रहा है। पड़ोसी जिलों में इनकी मांग बहुत है।
सर्दियां शुरू होते ही समान पक्षी विहार में विदेशी मेहमानों की आमद होने लगी थी। साइबेरिया से आए करीब 26 प्रजाति के प¨रदे यहां झील में मस्ती करते दिखाई दे रहे हैं। झील से कछुओं का शिकार होता है। रविवार को भी पुलिस ने तीन तस्करों को 30 कछुओं के साथ पकड़ा था। तस्करों ने स्वीकार किया था कि ये कछुए समान पक्षी विहार की झील से लाए हैं। इन तस्करों ने पूछताछ में बताया कि झील में कलरव करते विदेशी पक्षियों का भी शिकार हो रहा है। इसके लिए आसपास के शिकारी मौके की तलाश में रहते हैं। गुलेल से घायल कर पक्षी को पकड़ लेते हैं। झाड़ियों की ओर आए पक्षी भी इनके हत्थे चढ़ जाते हैं। एक-दो पक्षी हाथ में आते ही ये लोग बाइक से लेकर चले जाते हैं। इन पक्षियों को इटावा, फर्रुखाबाद, मैनपुरी में सप्लाई किया जाता है। मांस खाने के शौकीन तो इन्हें ऑर्डर भी दे रहे हैं। शिकारियों का पड़ोसी जिलों से संपर्क का प्रमाण यही है कि कछुओं के साथ पकड़े गए तस्कर कन्नौज और इटावा के हैं। विशालकाय है झील: समान पक्षी विहार की सुरक्षा फिलहाल सिर्फ रेंजर सहित चार वन कर्मियों के हाथ में है। पक्षी विहार का रकबा 526 हेक्टेयर है। वर्तमान में 10 से 15 हेक्टेयर क्षेत्र में ही पानी है। देशी, विदेशी पक्षी इसी क्षेत्र में रहते हैं। झाडि़यां व पेड़ होने के कारण शिकारी इस इलाके में आराम से छिप जाते हैं। रेंजर ब्रजेश तिवारी कहते हैं कि हम पूरी तरह से निगरानी कर रहे हैं। विभाग द्वारा अन्य रेंज के कर्मचारियों की टीम बुलाकर एक साथ पूरे क्षेत्र में चे¨कग कराई जाती है। प्रशासन कराएगा छापेमारी: प्रभारी जिलाधिकारी और सीडीओ कपिल सिंह ने कहा है कि वे पुलिस के साथ पक्षी विहार में छापेमारी कराएंगे। पक्षियों का शिकार नहीं होने दिया जाएगा।