मकान की सफाई करते विस्फोट, तीन घायल
मैनपुरी, करहल : करहल क्षेत्र के गांव राजपुर में एक मकान की सफाई करते समय अचानक जोरदार धमाका हुआ विस्
मैनपुरी, करहल : करहल क्षेत्र के गांव राजपुर में एक मकान की सफाई करते समय अचानक जोरदार धमाका हुआ विस्फोट से महिला समेत तीन लोग घायल हो गए। आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग भी दहशत में आ गए। आनन-फानन में घायलों को सैफई में भर्ती कराया गया।
राजपुर में रहने वाले प्रकाश चंद्र पांडेय काफी समय से परिवार समेत जयपुर में रहते हैं। उनका एक मकान राजपुर में है। दो दिन पहले ही प्रकाश चंद्र के बेटे दयानंद पांडेय का परिवार राजपुर आया था। रविवार दोपहर बाद मकान में दयानंद की पत्नी नीता सफाई करने लगीं। उन्होंने सफाई के लिए गांव में रहने वाले भांजे अश्वनी शुक्ला को भी बुला लिया। आंगन में रखे एक भारी-भरकम टीन शैड को उठाकर एक स्थान पर रखने से अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट होते ही धुआं फैल गया और छर्रे भी निकले। इनकी चपेट में आकर नीता, अश्वनी और नीता की बेटी बबली घायल हो गई। धमाका इतना तेज था कि आसपास के लोग भी दौड़कर मौके पर पहुंचे। तीनों घायलों को सैफई में भर्ती कराया गया। विस्फोट सुतली बम से हुआ है। सुतली बम कहां से आया, ये किसी को पता नहीं चल सका। मौके पर थाना प्रभारी ओमहरि बाजपेई भी पहुंचे। थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि मकान दो साल से बंद था। विस्फोट में आवाज थी। ये सुतली बम कैसे आया, ये पता नहीं चल पाया है। इसकी जांच की जा रही है। विस्फोट में घायल हुए तीनों लोग खतरे से बाहर हैं।
शुक्र है कि सुतली बम ही था: राजपुर में भले सुतली बम था लेकिन धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों से निकलकर लोग दयानंद पांडेय के मकान की ओर दौड़े। गनीमत थी कि बम बहुत शक्तिशाली नहीं था। दयानंद पांडेय के परिजनों का कहना है कि मकान करीब दो साल से बंद था। ऐसे में यहां बम कैसे पहुंचा, ये जांच का विषय है। परिवार के लोगों का कहना है कि हादसे के वक्त वह दूसरे मकान में थे। आवाज सुनाई पड़ी, फिर दयानंद की पत्नी और बेटी की चीख सुनी तो सभी लोग मकान की ओर दौड़ पड़े। आनन-फानन में गांव के चार पहिया वाहनों से घायलों को सैफई ले जाया गया। परिजनों का कहना है कि सुतली बम यदि अधिक शक्तिशाली होता तो बड़ा हादसा हो जाता। माना जा रहा है कि किसी ने छर्रे और बारूद भरकर गांव में ही बम बनाया था। लेकिन मकान के अंदर कैसे पहुंचा, ये किसी को नहीं पता चला।