घरों में रामजन्म की जयकार, टीवी पर आंसुओं की बौछार
मैनपुरी जासं। गुरुवार को रामनवमी थी। राम के जन्म होने पर खुशी का माहौल बना था लेकिन दूरदर्शन उल्टी धारा बहाते नजर आया। सालों बाद दोबारा प्रसारित रामायण के धारावाहिक में राम जन्म के शुभ मौके पर दशरथ मरण दर्शकों को दिखाया तो महाभारत में भी ऐसा झोल नजर आया। दूरदर्शन से जुड़ रहे दर्शक दूरदर्शन के ऐसे कारमाने पर भौचक नजर आए और रोष जताया।
जासं, मैनपुरी: इसे महज दुर्योग कहें या गंभीर चूक। गुरुवार को जब घर-घर में रामजन्म की खुशी मनाई जा रही थी तब दूरदर्शन पर दशरथ मरण का दृश्य दिखाया जा रहा था। भरत के आंसू दर्शकों को भावविह्वल कर रहे थे। दूरदर्शन की यह उलटबांसी लोगों को रास नहीं आई।
एक चैनल पर एक बार फिर रामानंद सागर के रामायण सीरियल का प्रसारण किया जा रहा है। गुरुवार को जब देश में रामनवमी का दिन था तब सीरियल की शेड्यूल में दशरथ मरण दिखाया गया। सीरियल की शेड्यूलिंग में इसे गंभीर चूक माना जा रहा है। ऐसे लोग जिन्होंने पहले भी इस सीरियल को देखा है, उनका कहना है कि इस बार सीरियल में कथा काफी तेजी के आगे बढ़ रही है, यानी दृश्यों को कम करके दिखाया जा रहा है। प्रसारण कर्ता चाहते तो रामनवमी के दिन इस दृश्य से लोगों की भावना को आहत करने से बच सकते थे।
सुबह नौ बजे आने वाले इस प्रसारण को देखने के लिए जब लोग टीवी के सामने बैठे तब कई घरों में कन्याभोज के साथ रामनवमी की खुशी मनाई जा रही थी। टीवी ऑन करते ही दशरथ मरण का दृश्य सामने आते ही दर्शक चकित रह गए।
तिथि का तो रखते ख्याल: भीमसेन मंदिर के पुजारी साहिब लाल तिवारी का कहना था कि सालों बाद दूरदर्शन को भारी दर्शक मिले हैं। ऐसे में रामनवमी के दिन धारावाहिक का यह दृश्य नहीं दिखाया जाना चाहिए था। शीतला देवी मंदिर के पुजारी विपिन शुक्ला का कहना था कि दूरदर्शन के अधिकारी इस तिथि का ख्याल रखते। इस दिन रामजन्म की लीला दिखाकर और दर्शकों को जोड़ सकते थे। गमा देवी मंदिर के पुजारी महेश चंद दुबे ने डीडी अधिकारियों की सोच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनको यह पर्व का ख्याल तो करना था। आचार्य प्रवीन कुमार शुक्ला इसे डीडी अफसरों की बड़ी चूक बताया।
सिद्धिदात्री की आराधना, मांगी खुशहाली: जासं, मैनपुरी: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद श्रद्धालुओं ने गुरुवार को घर-घर सिद्धिदात्री का पूजन किया और समाज की खुशहाली की कामना की।
गुरुवार को महागौरी की आराधना के साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन हुआ। सुबह से ही घर-घर माता रानी की आराधना का क्रम शुरू हुआ। श्रद्धालुओं ने विधिविधान से माता की पूजा की। अग्यारी बनाकर हवन किया और हलुआ-चना और पूड़ी का प्रसाद चढ़ाया। इस दौरान अधिकांश घरों में कन्या-लांगुरा का प्रतीकात्मक पूजन हुआ। श्रद्धालुओं ने कन्या और लांगुरा को उनके घर ही जाकर फलों का वितरण किया, जबकि कुछ श्रद्धालु महिलाओं ने गाय को प्रसाद खिलाकर आशीर्वाद लिया। कई घरों में हवन भी हुए।
सूना नजर आया माहौल: नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार रहने वाला शीतला माता मंदिर का आंगन सूना नजर आया। नवरात्र के दौरान पैर रखने तक को जगह नहीं मिलने वाले इस मंदिर के आसपास सन्नाटा पसरा नजरा आया, जबकि राहों पर इक्का-दुक्का वाहन ही नजर आए।