अवैध होर्डिंग पर मेहरबान पालिका अफसर
पालिका प्रशासन की लापरवाही से मैनपुरी में अवैध रूप से होर्डिग्स लगा दिए गए हैं। इनमें ज्यादातर राजनीतिक हैं तो बाकी व्यावसायिक। इनसे न तो कर वसूला जा रहा है और न ही लगाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है।
मैनपुरी : निकायों के अधिकारी ही राजस्व को चूना लगाने में लगे हैं। शहर में प्रत्येक चौराहे-सड़कों पर अवैध होर्डिग की भरमार है, परंतु न तो इनसे टैक्स वसूला जा रहा है और न ही इनके खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है।
शहर की सड़कों के अलावा सार्वजनिक तिराहे और चौराहे होर्डिंग, बैनर से पटे हैं। इनमें से लगभग 95 फीसद बिना अनुमति के लगाए गए हैं। ज्यादातर व्यावसायिक हैं। वसूली नियमावली जारी होने के बावजूद पालिका प्रशासन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। 2015 से लागू है वसूली की नियमावली
कर अधीक्षक रामअचल का कहना है कि मैनपुरी में एक जून 2015 से वसूली नियमावली लागू है। बिना अनुमति के होर्डिंग आदि लगाना गैर कानूनी है। सबसे महंगा है ईशन नदी तिराहा
प्रचार के लिए सबसे महंगा ईशन नदी तिराहा है। 10 गुणा 8 के आकार वाले होर्डिंग के लिए प्रचारकों को ईशन नदी तिराहा पर 743 रुपये प्रतिमाह, जेल चौराहा पर 620 रुपये प्रतिमाह, कचहरी रोड पर एचपी गैस एजेंसी वाले मार्ग पर 720 रुपये प्रतिमाह और क्रिश्चियन तिराहा पर भी 720 रुपये प्रतिमाह की दर से किराया देना पड़ता है। निकाय निदेशक ने जताई नाराजगी
स्थानीय निकाय निदेशक अखिलेश ¨सह ने अधिशासी अधिकारियों को दीवाली से पहले हर हाल में अवैध प्रचार सामग्री को हटवाने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वर्तमान स्थिति पर नाराजगी जताई है।
'शहर के सभी होर्डिंग और अन्य प्रचार सामग्री की सूची तैयार कराई जा रही है। सभी को नोटिस जारी किए जाएंगे।'
मनोज रस्तोगी, अधिशासी अधिकारी
नगर पालिका परिषद, मैनपुरी।