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पहले खाया मुफ्त का राशन, अब सरेंडर कर रहे कार्ड

जिला पूर्ति विभाग में अब तक 98 कार्ड जमा कराए जा चुके हैं। सत्यापन के दौरान मामले मिलने पर कार्रवाई होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 04:00 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 04:00 AM (IST)
पहले खाया मुफ्त का राशन, अब सरेंडर कर रहे कार्ड
पहले खाया मुफ्त का राशन, अब सरेंडर कर रहे कार्ड

श्रवण शर्मा, मैनपुरी

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केस-एक

शहर के मुहल्ला नया नगला की माया देवी पत्नी मनीराम ने पूर्ति विभाग को पात्र गृहस्थी राशन कार्ड वापस कर दिया है। कारण सरकारी नौकरी से सेवानिवृत होने की वजह से कार्ड के लिए खुद को अपात्र होना बताया है। वैसे, यह कई महीने राशन भी ले चुकी हैं। केस-दो

शहर के मुहल्ला हरीदर्शन की बेबी चौहान पत्नी धर्मेद्र को अब पात्र गृहस्थी कार्ड की जरूरत नहीं है। उन्होंने इस कार्ड की आवश्यकता नहीं होने का प्रार्थना पत्र लिखकर लौटा दिया है। वैसे, राशन इन्होंने भी लिया था। केस-तीन

शहर के छपट्टी की रहने वाली सुमन पत्नी ओमप्रकाश ने भी अपना पात्र गृहस्थी कार्ड बीते दिनों विभाग को सरेंडर कर दिया। बेटे के सरकारी सेवा में होने की वजह बताई है। केस-चार

शहर के पावर हाउस रोड निवासी रेशमा पत्नी आकाश ने भी खुद का राशन कार्ड विभाग को लौटा दिया है। कार्ड लौटाने की वजह पेंशन मिलना और अन्य वजह बताई हैं। ये तो कुछ उदाहरण हैं, जिन्होंने अपात्र होने के बाद सूचनाएं छिपाकर पात्र गृहस्थी राशन कार्ड हासिल किए थे। वैसे, कोरोना काल में सरकार ने मुफ्त राशन देने को कहा तो नागरिकों ने खूब राशन कार्ड बनवाए। अब कार्रवाई के डर से नागरिक कार्ड सरेंडर करने में लगे हैं। अब तक 98 नागरिक कार्ड प्रार्थना पत्र में कारण बताकर सरेंडर किए जा चुके हैं। पूर्ति विभाग जल्द ही अपात्रों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगा।

यह है नियम

पात्र गृहस्थी राशन कार्ड हासिल करने के लिए शहरी नागरिक की सालाना आय तीन लाख और ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक की आय दो लाख सालाना होनी चाहिए।

पहले पात्र, फिर निकले अपात्र

पूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पात्र गृहस्थी कार्ड बनवाते समय आवेदक पात्र था, बाद में कुछ साल बाद कार ले ली, या घर के सदस्य की सरकारी नौकरी लग गई तो ऐसे लोग टीम के सत्यापन में अपात्र करार दिए जाते हैं। ऐसे लोग ही अब कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। लाकडाउन में ही बन गए 31 हजार कार्ड

कोरोना लाकडाउन के दौरान बीते साल सरकार ने मुफ्त राशन वितरण शुरू किया तो जिले में करीब 31252 पात्र गृहस्थी कार्ड बन गए। इनमें से तमाम कार्डधारक तो राशन सुविधा लेते ही नहीं हैं। वहीं, 1230 अस्थाई कार्ड प्रवासियों के बनाए गए थे। अपात्र नागरिक खुद ही कार्ड सरेंडर कर सकते हैं। विभागीय टीम के सत्यापन में मामला सामने आने पर अपात्रों पर कार्रवाई हो सकती है। ऐसे प्रकरण में लिए गए राशन मूल्य की रिकवरी भी हो सकती है। वहीं, करीब दौ सौ कार्ड निरस्त भी किए गए।

यूआर खान, जिला पूर्ति अधिकारी। जिले में पात्र गृहस्थी कार्डधारक

नगरीय क्षेत्र

कार्डधारक- 41623

लाभार्थी- 169866 ग्रामीण क्षेत्र

कार्डधारक- 227455

लाभार्थी- 917192


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