Move to Jagran APP

मैनपुरी में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

कलक्ट्रेट के बाहर बैठने वाले एक मुंशी सहित तीन गिरफतार चार फर्जी लाइसेंस बरामद 60 हजार रुपये में बनाते थे एक लाइसेंस चार लोगों की तलाश

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 06:55 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 06:55 AM (IST)
मैनपुरी में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: पुलिस को फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में कामयाबी मिली है। लाइसेंस बनाने वाले तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है,इनमें एक कलक्ट्रेट के बाहर बैठने वाला मुंशी(फार्म बेचने वाले व आवेदन पत्र भरने वाले) है। इनके पास से चार फर्जी लाइसेंस भी बरामद किए गए हैं। लाइसेंस 60-60 हजार रुपये लेकर बनाए गए हैं। बकायदा लाइसेंस नंबर भी जारी किया गया है।

loksabha election banner

सीओ सिटी अभय नारायण राय ने बताया कि रविवार सुबह चेकिग के दौरान एक बाइक सवार युवक के पास से थैले में चार शस्त्र लाइसेंस मिले। संदेह होने पर युवक उमेश चंद्र निवासी गांव मनिकापुर थाना बेवर(मैनपुरी)को हिरासत में ले लिया गया। कलक्ट्रेट में इन लाइसेंस के बारे में जानकारी की गई, तो वहां इनका कोई लेखा-जोखा नहीं था।

उमेश ने पूछताछ में बताया कि वह जिले के अमर सिंह निवासी नगला नया मैनपुरी, शंकर निवासी बेवर, जबर सिंह निवासी रूपपुर, सुनील निवासी लोहिया पार्क के पास मैनपुरी, शमशाद निवासी काजीटोला बेवर के साथ मिलकर फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का काम करता है। पुलिस ने शंकर और अमर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। इनमें अमर सिंह व जबर सिंह मुंशी हैं। इसके अलावा शमशाद बेवर नगर पंचायत का पूर्व सभासद है। वह बेवर में मीट मंडी का संचालन करता है। इन नाम से बनाए फर्जी लाइसेंस

फर्जी शस्त्र लाइसेंस रामपाल सिंह निवासी राजा का बाग मैनपुरी (लाइसेंस नंबर 7828), सोनू तिवारी निवासी खरगजीत नगर(लाइसेंस नंबर 7807), सतीश दुबे बंशीगोहरा( लाइसेंस नंबर 7792) व अतुल आवास विकास कालोनी(लाइसेंस नंबर 7776) के हैं। चारों लोगों ने लाइसेंस बनवाने से इन्कार किया है।

------------------------असली लाइसेंस की तरह फर्जी लाइसेंस

फर्जी लाइसेंस असली शस्त्र लाइसेंस की तरह हैं। मुहर भी उन्होंने नकली बनवा रखी थी। हालांकि आरोपितों ने सिर्फ चार ही लाइसेंस बनाना स्वीकार किया है, लेकिन पुलिस अभी जांच कर रही है। आरोपितों ने बताया कि जिन लोगों के नाम से लाइसेंस बनाए हैं, उन चारों से 60-60 हजार रुपये लिए गए हैं। 20 साल पहले जेल भेजा गया था असलहा बाबू

करीब 20 साल पहले भी फर्जी लाइसेंस बनाए जाने का मामला सामने आया था। तत्कालीन असलहा बाबू जोराबर और उसके रिश्तेदार पप्पू को जेल भेजा गया था। दोनों जमानत पर रिहा हो गए। उस वक्त करीब तीन सौ फर्जी लाइसेंस बनाए गए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.