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हमले के दोषी पूर्व सैनिक को सात साल की सजा

मैनपुरी जासं। करीब दो साल पहले वृद्ध को गोली मारकर घायल करने के मामल में दोषी पूर्व सैनिक को विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने सात साल के कारावास और 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि में से आधी धनराशि पीड़ित को दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 06:50 AM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 06:54 AM (IST)
हमले के दोषी पूर्व सैनिक को सात साल की सजा
हमले के दोषी पूर्व सैनिक को सात साल की सजा

जासं, मैनपुरी: करीब दो साल पहले वृद्ध को गोली मारकर घायल करने के मामल में दोषी पूर्व सैनिक को विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश प्रदीप कुमार ने सात साल के कारावास और 11 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि में से आधी धनराशि पीड़ित को दी जाएगी।

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थाना किशनी के गांव खड़सरिया निवासी रामसेवक 16 जनवरी 2000 की शाम अपने घर के दरवाजे पर बैठे हुए थे। इसी दौरान गांव का निवासी पूर्व सैनिक शिवसिंह वहां पहुंच गया और गाली-गलौज करने के बाद लाइसेंसी बंदूक से रामसेवक को गोली मार दी। घटना की रिपोर्ट घायल के पुत्र सरनाम सिंह ने दर्ज कराई। जांच के बाद पुलिस ने जानलेवा हमला और अन्य आरोपों के तहत चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने दोषी को सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी एमपी सिंह चौहान और राकेश गुप्ता ने की। गैंगस्टर एक्ट के मामले में पिता-पुत्रों को चार-चार साल की सजा, अर्थदंड

जासं, मैनपुरी : 11 साल पहले थाना दन्नाहार में दर्ज कराए गए गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी पिता और उसके दो पुत्रों को विशेष न्यायालय गैंगस्टर एक्ट कोर्ट की न्यायाधीश निधि ने चार-चार साल के कारावास और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

कस्बा बरनाहल निवासी ब्रजकिशोर दुबे और उनके पुत्र अनुज व कन्हैया के खिलाफ तत्कालीन थानाध्यक्ष ने थाना बरनाहल में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। तीनों आरोपितों के खिलाफ थाने में युवक की हत्या का मामला पहले से दर्ज था। पुलिस के अनुसार तीनों आरोपित शातिर अपराधी हैं। उनके द्वारा अवैध हथकंडों से धन की आय की जाती है। इनके भय के कारण कोई व्यक्ति इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और गवाही देने के लिए तैयार नहीं होता है। जांच के बाद तीनों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी गई थी। संयुक्त निदेशक अभियोजन डीके मिश्रा के निर्देशन में ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी दिलीप कुमार सोनकर ने अभियोजन की ओर से अदालत में पक्ष रखा। सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने तीनों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।


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