हाई वोल्टेज से फुंके विद्युत उपकरण, विभाग बेफिक्र
बिजली विभाग की कार्यशैली अब उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बढ़ाने लगी है। दो दिन
जासं, मैनपुरी : बिजली विभाग की कार्यशैली अब उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बढ़ाने लगी है। दो दिन से लगातार हो रहे वोल्टेज कम और ज्यादा होने की वजह से घरों में लगे उपकरण खराब हो रहे हैं। सूचना देने के बावजूद विभागीय स्तर पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। लोगों की परेशानी पर विभागीय जिम्मेदार इसे फाल्ट बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
शहर में सिविल लाइन और पावर हाउस उपकेंद्र से जुडे़ क्षेत्रों में विद्युत संकट गहराया हुआ है। पिछले दो दिन से समस्या ज्यादा ही बढ़ गई है। बारिश होने के बाद से लगातार सप्लाई बंद पड़ी है। थोड़ी-थोड़ी देर में ट्रिपिग हो रही है। जिसकी वजह से वोल्टेज फ्लक्चुएशन की समस्या भी बढ़ गई है। स्थिति यह है कि शहर की आवास विकास कालोनी और देवपुरा में दर्जन भर से ज्यादा लोगों के इनवर्टर और अन्य उपकरणों पर इसका असर पड़ा है।
बिजली मैकेनिक रामू का कहना है कि उनकी दुकान पर चौबीस घंटे के अंदर आठ से ज्यादा लोग अपने इनवर्टर लेकर पहुंच चुके हैं। सभी में वोल्टेज की वजह से तकनीकी खराबी आई है। मंगलवार को भी स्थितियों में कुछ ज्यादा सुधार नहीं आया। सुबह से ही ट्रिपिग शुरू हो गई। बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा बार-बार शिकायत की जा रही है कि सोमवार की शाम से उनके यहां की बिजली बंद पड़ी है। वोल्टेज बहुत कम आ रहे हैं। ऐसे में उपकरणों के फुंकने की संभावना बढ़ गई है। कर्मचारियों द्वारा इसे फाल्ट बताकर अनदेखा कर दिया जा रहा है। हद है बारिश में भी कम न हुई ओवरलोडिग
विभागीय जिम्मेदारों द्वारा ओवरलोडिग की बात कही जाती है। जबकि दो दिन से बारिश होने के कारण मौसम में ठंडक है। अधिकांश लोगों ने अपने एसी बंद कर दिए हैं और कूलर या सीलिग फैन का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। बहुत हद तक लोड कम हुआ है, लेकिन विभागीय जिम्मेदार अभी भी ओवरलोडिग की बात कर रहे हैं। व्यवस्था बेहतर करने में हम सब जुटे हुए हैं। असल में रात साढे़ नौ बजे के बाद लोड बढ़ना शुरू हो जाता है। ज्यादातर लोगों द्वारा कटिया डाली जा रही हैं। कई ने एबीसी केबिल में ही कट लगा दिए हैं। कुछ लोगों की गलती की वजह से ईमानदार उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। बहुत हद तक व्यवस्था सुधार दी गई है। कुछ जगहों पर समस्या है, उसे भी दुरुस्त करा लिया जाएगा। लोगों से अपील है कि वे थोड़ा सहयोग करें।
मागेंद्र अग्रवाल, अधिशासी अभियंता।