चुनाव में सफाईकर्मियों की ड्यूटी, गांवों में बिखरी गंदगी
गांवों में तैनात कर्मचारियों की चुनाव में लगी है ड्यूटी चुनाव कार्य में लगाए ढाई सौ और 50 अफसरों की सेवा में।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। जिले की 552 ग्राम पंचायतों में तैनात 721 सफाईकर्मियों में से 300 को चुनाव एवं अन्य कामों में लगाया गया है। ऐसे में अब गांव गंदे ही रहेंगे। स्वच्छता की पहल अब ग्रामीणों को खुद ही करनी होगी। आधा दर्जन सफाईकर्मी तो बूथों की गंदगी के कारण निलंबित हो चुके हैं। ऐसे में तो अब गांवों में गंदगी मतदान के बाद तक कायम रहेगी।
ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मियों की तैनाती है। किसी गांव में एक तो किसी में दो की तैनाती है। सफाई के लिए रोस्टर भी बना, लेकिन इसके बाद भी गांव साफ नहीं रहते। इसकी वजह सफाई कर्मचारियों से दूसरा काम लेना है। कई गांवों में तो एक सप्ताह में एक बार ही सफाई हो पाती है।
अब सफाईकर्मियों में से ढाई सौ को तो चुनाव से जुड़े कामों में हाथ बंटाने को लगाया गया है। एक साथ इतने कर्मचारियों के चुनाव में भेजने से गांवों की सफाई चरमरा गई है। वहीं, अधिकारियों के चुनाव कार्यक्रम में व्यस्त होने से सफाई को रह गए कर्मचारी मनमानी दिखा रहे हैं। नौनेर के रामदीन बुधवार को गांव में सफाई ठप होने की शिकायत लेकर आए थे। चुनावी प्रशिक्षण में होने के कारण सीडीओ और डीपीआरओ से मुलाकात नहीं हो सकी। उनका कहना था कि सफाईकर्मी प्रधान के गांव में काम करता है, मजरों की ओर तो आता ही नहीं है।
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अधिकारियों की चाकरी में कर्मी: सफाईकर्मियों में से करीब चार दर्जन तो अफसरों की चाकरी में ही रहते हैं। जानकारों ने बताया कि एक दर्जन सफाईकर्मी तो जिला के तीन अफसरों के कार्यालय और घरों पर ही लगे हुए हैं। सरकारी कार्यालय और कई अफसरों के यहां ही चार दर्जन ऐसे सफाईकर्मी लगाए गए हैं। ऐसे में गांवों की स्वच्छता पर सवाल लाजिमी है।
चुनाव में सभी की ड्यूटी लगी है। कुछ सफाईकर्मी भी काम पर लगाए गए हैं। अफसरों के यहां काम करने की जानकारी नहीं है। सफाई प्राथमिकता में है, अब तक छह को निलंबित किया जा चुका है। -
स्वामीदीन, जिला पंचायत राज अधिकारी।