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जिले की हवा खराब, प्रदूषित हो रहा शहर

सोमवार की सुबह 570 रिकार्ड किया गया शहर का एक्यूआइ लेवल चढ़ते दिन के साथ 471 पर आकर ठहरा आंकड़ा स्वास्थ्य विशेषज्ञ जता रहे चिता

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 06:47 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 06:47 AM (IST)
जिले की हवा खराब, प्रदूषित हो रहा शहर

जासं, मैनपुरी : बढ़ते प्रदूषण से सिर्फ महानगर ही प्रभावित नहीं हैं बल्कि अब जिले की हवा भी खराब होने लगी है। 100 शैया अस्पताल में लगी डिवाइस के डाटा में सुबह की हवा बेहद दूषित मिली। सुबह 10 बजे एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 570 रिकार्ड हुआ। चढ़ते दिन के साथ आंकड़ा थोड़ा कम तो हुआ, लेकिन हवा में सुधार न दिखा। अब स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिता जताने लगे हैं।

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सर्दी बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। मरीजों की सेहत को देखते हुए 100 शैया अस्पताल प्रशासन द्वारा अस्पताल परिसर में एक्यूआइ जांचने के लिए डिजिटल डिवाइस इंस्टाल कराई हैं। इनकी मदद से प्रदूषण का डाटा रिकार्ड किया जा हा है। सोमवार की सुबह एक्यूआइ लेवल 570 दर्ज हुआ। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) प्रसव कक्ष और एमएनसीयू (मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट) में एयर प्यूरीफायर संचालित करा दिए गए। ताकि, जच्चा-बच्चा को शुद्ध हवा मिल सके।

हालांकि,दोपहर 12 बजे हवा के स्तर से थेाड़ा सुधार दर्ज किया गया। एक्यूआइ 471 पर पहुंच गया। 100 शैया अस्पताल के सीएमएस डा. एके पचौरी का कहना है कि पिछले दो दिनों से अस्पताल के आसपास हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। यह गर्भवती महिलाओं और नवजात के लिए नुकसानदेह हो सकता है। सांस लेने में समस्या हो सकती है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. जेजे राम का कहना है कि वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों को रहता है। इसके अलावा आंखों में जलन की समस्या भी होती है। क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स

एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) दैनिक आधार पर वायु गुणवत्ता की जानकारी के लिए एक सूचकांक है। इसका उद्देश्य लोगों को यह जानने में मदद करना है कि स्थानीय वायु गुणवत्ता उनके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है। एक्यूआइ जितना अधिक होता है, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक माना जाता है और स्वास्थ्य संबंधी चिताएं भी उतनी ही अधिक रहती हैं। ऐसे जांचते हैं वायु प्रदूषण की स्थिति

अच्छा (शून्य-50) - न्यूनतम प्रभाव

संतोषजनक (51-100) - संवेदनशील लोगों में सांस लेने में मामूली कठिनाई हो सकती है।

मध्यम रूप से प्रदूषित (101-200) - अस्थमा जैसे फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले मरीजों को भी परेशानी होती है।

खराब (201-300) : लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस लेने में कठिनाई और हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।

बहुत खराब (301-400): लंबे समय तक बहुत खराब हवा के संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोग ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

गंभीर (401 से 500 के बीच): गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा होता है, लोगों को बाहर न निकलने की सलाह जी जाती है।


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