डराने लगा डायरिया, जिल अस्पताल में दो बच्चों ने दम तोड़ा
एक दर्जन से ज्यादा गंभीर मरीज जिला अस्पताल में भर्ती बारिश के बाद तेज धूप से बिगड़ रही सेहत।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। बदलता मौसम जान लेने लगा है। डीवीडी (डायरिया, वोमेटिग और डिसेंट्री) की वजह से दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा मरीज हालत बिगड़ने पर रेफर किए गए हैं।
हल्की बारिश के बाद निकल रही तेज धूप और उमस भरी गर्मी सेहत पर भारी पड़ रही है। गुरुवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 1300 से ज्यादा मरीज इलाज को पहुंचे। इनमें ज्यादातर उल्टी, दस्त, बुखार और डायरिया से ग्रसित मिले। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. जेजे राम ने बताया कि उमस भरा मौसम बच्चों के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह है। सुपाच्य भोजन न करने वाले डायरिया के शिकार हो रहे हैं।
वहीं जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घंटों में 82 डायरिया के मरीज पहुंचे। बिछवां थाना क्षेत्र के गांव बिल्लो निवासी अर्जुन (सात) पुत्र नंदलाल को डायरिया की वजह से इमरजेंसी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। किशनी थाना क्षेत्र के गांव मरहरी निवासी वीनेश यादव (आठ) पुत्र शैलेंद्र सिंह भी दो दिनों से उल्टी-दस्त कर रहा था। परिजनों ने गांव के ही चिकित्सक से उपचार दिलाया। हालत बिगड़ने पर गुरुवार को जिला अस्पताल लाए, जहां उसे भी मृत घोषित कर दिया। ईएमओ डॉ. आकांक्षा सिंह का कहना है कि सप्ताह भर से डीवीडी के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। इनकी भी बिगड़ी हालत
गुरुवार को डीवीडी की वजह से जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचने वालों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों और युवाओं की थी। दन्नाहार क्षेत्र के गांव नगला सुम्मेरपुर निवासी रजनी (36) पत्नी सतीश, राजा का बाग के नरेंद्र सिंह (35) पुत्र राजेंद्र सिंह को दस्त होने पर इमरजेंसी लाया गया। मुहल्ला न्यू बस्ती गाड़ीवान निवासी दीपक कुमार (27) पुत्र श्रीकृष्ण और दन्नाहार के गांव जसवंतपुर निवासी इंद्रपाल (23) पुत्र रामसेवक को डीवीडी और बुखार की वजह से हालत बिगड़ने के बाद इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। ऐसे बचें बीमारियों से
-तली-भुनी खाद्य वस्तुओं का सेवन न करें।
- स्नैक्स और फास्ट फूड के खाने से बचें।
- सीधे तेज धूप में जाने से वायरल इंफेक्शन हो सकता है।
- कुछ भी खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोएं। अस्पताल में सभी प्रकार के इंतजाम हैं। पर्याप्त मात्रा में दवाएं और फ्लुड उपलब्ध हैं। बेहद गंभीर हालत होने पर ही मरीज को रेफर किया गया है। ज्यादातर मरीज सामान्य उपचार के बाद दुरुस्त हो जाते हैं।
डॉ. आरके सागर
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,
जिला अस्पताल।