मैने कोरोना को हराया, आपको है बचाना
भोगांव हिमांशु यादव। कोरोना से जंग जीत कर घर पहुंचे मरीज अब इस खतरनाक वायरस से लोगों को बचाने के लिए जागरूकता की मुहिम चला रहे हैं। कोरोना से बचाव में कारगर तौर तरीकों की जानकारी देने के साथ ही प्रशासनिक नियमों का पालन करने की नसीहत के लिए लोगों को फोन पर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
केस 1: कोरोना संक्रमण की चपेट में आए जिले के प्रमुख उद्योगपति एक सप्ताह पहले आइसोलेशन वार्ड से संक्रमण मुक्त होकर घर पहुंचे हैं। फिलहाल वह घर में रहकर मोबाइल पर लोगों को कोरोना से बचाव के तौर तरीकों जैसे मास्क पहनने, सैनिटाजर का उपयोग, हाथ धोना, शारीरिक दूरी आदि के बारे में बताने के अतिरिक्त अपने घर आने वालों की थर्मल स्क्रीनिग करा रहे हैं।
केस-2: थाना बिछवां में तैनात एक सिपाही अब कोरोना को हराकर काम पर लौट आए हैं। गांव में ड्यूटी के दौरान वह जरूरी प्रोटोकाल का पालन कर लोगों को खतरनाक वायरस से बचाव और अस्पताल में मिले अनुभवों को साझा कर रहे हैं।
केस 3: भोगांव क्षेत्र के एक गांव निवासी प्रधान कोरोना की चपेट में आकर स्वस्थ्य होने के बाद अब कामकाज पर लौट आए हैं। गांव में वह जागरूकता, कोरोना से बचाव के कारगर तरीकों व डॉक्टरों की सलाह को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। मनरेगा मजदूरों को समूह में काम कराने के दौरान सोशल डिस्टेंसिग का पालन करा रहे हैं।
केस 4: जिले की एक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एमओआईसी का परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में आया था। अब एमओआइसी स्वस्थ्य होने के बाद पहले से और ज्यादा सावधानी के साथ काम को अंजाम दे रहे हैं। वह लगातार लोगों को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह देते रहते हैं।
हिमांशु यादव, भोगांव: कोरोना से जंग जीत कर घर पहुंचे मरीज अब इस खतरनाक वायरस से लोगों को बचाने के लिए जागरूकता की मुहिम चला रहे हैं। कोरोना से बचाव में कारगर तौर तरीकों की जानकारी देने के साथ ही प्रशासनिक नियमों का पालन करने की नसीहत के लिए लोगों को फोन पर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आइसोलेशन वार्ड में 10 दिन तक रहने के बाद डिस्चार्ज किए गए कई मरीज अब कोरोना के संक्रमण को थामने के लिए सरकारी मशीनरी के सहयोगी बन गए हैं। अपने स्वजनों को सावधानी बरतने की सलाह के साथ ही ऐसे लोग अपने आसपास के लोगों को जरूरी सलाह देकर सावधानी को प्रेरित कर रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव की अवधि के दौरान अस्पताल में दिनचर्या से लेकर, खानपान की व्यवस्थाओं आदि के बारे में अपने अनुभव दूसरों से साझा करने के दौरान इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए जरूरी उपाय और नियमित नियमों का पालन करने के लिए मोबाइल पर अपने शुभचितकों को सलाह दी जा रही है।
इस तरह चलती है अस्पताल की जिदगी
सुबह 7 बजे आइसोलेशन वार्ड में योग और स्वास्थ्य परीक्षण
सुबह 8 बजे चाय और बिस्किट
सुबह 9 बजे नाश्ता, ब्रेड, चना, पोहा, हलुआ आदि
दोपहर 1 बजे खाने में रोटियां, चावल, दाल सब्जी, सलाद
शाम 4:30 बजे नाश्ते में चाय बिस्किट व नमकीन
रात्रि 8 बजे सब्जी, दाल रोटी सहित पूरा खाना