कोविड-19 से जिलाबदर अपराधियों की शामत
घिरोर संसू। कोरोना वायरस के कारण जिला बदर भी परेशान हैं। जिले के बाहर इन्हें रहने को ठिकाना नहीं मिल रहा है। बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे समय बिताना मुश्किल है। वहीं पेट भरने के लिए रोटी का मिल पाना भी बड़ी चुनौती है।
संसू, घिरोर: कोरोना वायरस के कारण जिला बदर भी परेशान हैं। जिले के बाहर इन्हें रहने को ठिकाना नहीं मिल रहा है। बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे समय बिताना मुश्किल है। वहीं पेट भरने के लिए रोटी का मिल पाना भी बड़ी चुनौती है।
केस एक: फीरोजाबाद निवासी जिलाबदर अपराधी ने बताया कि उसे पांच महीने पहले जिलाबदर किया गया था। तब से वह इधर-उधर भटक रहा है। लॉकडाउन में कभी जंगल में सोया तो कभी किसी से शरण मांग ली, लेकिन कोरोना के खतरे को लेकर लोग आसानी से शरण देने के लिए तैयार नहीं हैं। लॉकडाउन के दौरान भोजन का सरकारी पैकेट मिलता था, उससे गुजारा हो जाता था। अब भीख मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है। सोचता हूं एक महीना और बचा है किसी प्रकार काटकर घर चला जाऊंगा।
केस दो: दन्नाहार क्षेत्र के निवासी जिलाबदर अपराधी ने बताया कि उसे फरवरी में जिलाबदर किया गया था। रिश्तेदारियों में समय बिताने लगा था। कोराना संकट आया तो रिश्तेदारों ने भी अपने घर में रखने से इन्कार कर दिया। घर लौटने पर पकड़े जाने का डर था। इसलिए इधर-उधर भटक कर अपना समय व्यतीत करता रहा। दो दिन पहले सोचा कि घर चलूं अब पुलिस भूल गई होगी। घर लौटता इससे पहले ही पता कि पुलिस उसे तलाश करने उसके घर गई थी।
घिरोर पुलिस ने पकड़ा जिला बदर
थाना घिरोर क्षेत्र के नगला मई निवासी कंचन जाटव को जिला मजिस्ट्रेट ने आठ जनवरी को छह महीने के लिए जिलाबदर किया था। कंचन के मुताबिक, वह आदेश का पालन करते हुए जिले के बाहर चला गया था। उसके जिलाबदर का समय 8 जुलाई को पूरा होने वाला था। इसलिए शनिवार को गांव लौटा था। घर जाने से पहले गांव के पास पुलिया पर बैठकर आराम करने लगा, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। मौके पर पहुंची घिरोर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है।