किट में ठेकेदार-अधिकारी के गठजोड़ ने कर दिया खेल
शिक्षा अधिकारियों के चहेते ठेकेदार ने दर्जनों स्कूलों में पहुंचाई किटें बीआरसी के सहायक लेखाकार और कंप्यूटर ऑपरेटर भी नहीं रहे पीछे।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। खेल किट की खरीद जमकर कमीशन का बंदरबांट हुआ। स्कूलों में ड्रेस वितरण करने वाले ठेकेदार ने इस काम को भी मोटा कमीशन के चलते हथिया लिया। इसमें बीआरसी के सहायक लेखाकार और कंप्यूटर ऑपरेटर ने कमीशन की गंगा में डुबकी लगाई। दोयम दर्जें के इस सामान की सप्लाई में विभागीय अधिकारियों का भी संरक्षण सामने आ रहा है।
सरकारी प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में खेल किट खरीदने के लिए शासन से 1.34 करोड़ रुपये मिले। शहर के स्कूलों में शिक्षकों के बजाय खेल किट का ठेका स्कूली ड्रेस वितरण करने वाले ठेकेदार को ही दे दिया गया। विभाग के कुछ अधिकारियों ने हनक का इस्तेमाल कर गुरुजी से सीधे रकम ठेकेदार को दिलाई और अपना कमीशन भी बना लिया। सूत्रों के अनुसार, खेल किट में अफसरों का भी कमीशन तय था।
शहर के पुरोहिताना प्राथमिक पाठशाला की शिक्षिका ने बैग में रखे सामान को दिखाया। पूछने पर बताया कि यह सामान उन्होंने नहीं खरीदा, बल्कि ठेकेदार ने ही लाकर दिया है। किट की धनराशि कितनी अदा की गई, इस बारे में शिक्षिका ने बताने से इन्कार कर दिया। जानकारों का कहना है कि विभाग के एक शिक्षा अधिकारी का इस खेल में अहम योगदान रहा है।
यह भी नहीं रहे खेल में पीछे
विद्यार्थियों को खिलाड़ी बनाने की केंद्र सरकार की मंशा को पलीता लगाने में सहायक लेखाकार और कंप्यूटर ऑपरेटर भी पीछे नहीं रहे। बरनाहल ब्लॉक के तमाम परिषदीय स्कूलों में तो ब्लॉक संसाधन केंद्र पर तैनात सहायक लेखाकार रवि प्रताप और कंप्यूटर ऑपरेटर मोहन लाल ने ही खेल सामान की आपूर्ति की थी। ऐसा मामला पकड़ में आने के बाद बीएसए विजय प्रताप सिंह ने दोनों के मानदेय निकालने पर रोक भी लगाई।
खेल किट खरीदने में मनमानी और घटिया सामग्री खरीदने की जानकारी संज्ञान में आई है। बरहनाहल ब्लॉक समेत दूसरे प्रधानाध्यापकों से अच्छी गुणवत्ता की सामग्री खरीदने को कहा है। सहायक लेखाकार और कंप्यूटर ऑपरेटर ने शिक्षकों को गुमराह किया था, दोनों पर कार्रवाई की गई है।
विजय प्रताप सिंह, बीएसए।