डीसीबी के महाप्रबंधक को अवमानना का नोटिस
बैंककर्मियों को स्थगन आदेश के बावजूद बहाल न करने पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है।
संवाद सूत्र, भोगांव : किसानों की राहत राशि गबन करने के आरोप में निलंबन की कार्रवाई का सामना कर रहे बैंककर्मियों को स्थगन आदेश के बावजूद बहाल न करने पर हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। न्यायालय ने अवमानना का नोटिस जारी कर एक सप्ताह में आरोपित बैंककर्मियों को बहाल करने की हिदायत दी है।
जिला सहकारी बैंक की भोगांव और बेवर शाखा में दो साल पहले किसानों को सूखा राहत राशि की धनराशि के वितरण में गोलमाल हुआ था। जांच के बाद विभागीय अधिकारियों ने इन दोनों शाखाओं से संबंधित आठ बैंककर्मियों के विरुद्ध एफआईआर कराई थी। एफआइआर के बाद सभी को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कराई गई। बैंक प्रबंधन की निलंबन की कार्रवाई के विरुद्ध बैंककर्मियों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निलंबित बैंककर्मी हरीश गौतम, विकास दलेला, हेमंत कुमार, शैलेंद्र भदौरिया व अंचल तिवारी को स्थगन आदेश दे दिया। स्थगन आदेश मिलने के बाद इन सभी को बहाल कर दिया गया। आरोपित एक अन्य शाखा प्रबंधक शिवप्रताप यादव व कैशियर राघवेंद्र शाक्य को मार्च के अंत में हाईकोर्ट ने राहत देकर स्थगन आदेश दिया। लेकिन इन दोनों बैंककर्मियों को अब तक बहाल नहीं किया गया। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद बहाली न होने से परेशान दोनों बैंक कर्मचारियों ने न्यायालय में गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने इसे अवमानना मानते हुए जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को अवमानना नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह में दोनों प्रकरणों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। 27 जुलाई तक कार्रवाई न होने पर न्यायालय महाप्रबंधक को तलब भी कर सकता है। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक हरिश्चंद्र भार्गव ने बताया कि फिलहाल नोटिस नहीं मिला है। निलंबित बैंककर्मियों को बहाल करने के लिए बैंक के बोर्ड को निर्णय लेना है।