Move to Jagran APP

शहर फैला-आबादी बढ़ी, नहीं सुधरा ड्रेनेज सिस्टम

मैनपुरी जासं। साल-दर-साल शहर के विकास का खाका तो खींचा गया लेकिन बदहाल ड्रेनेज सिस्टम सुधारने की ओर कोई प्रयास नहीं हुए। बढ़ती आबादी के हिसाब से कॉलोनियां बसाई गईं लेकिन ड्रेनेज सिस्टम अब भी वर्षों पुराना ही है। शहर की स्थिति बदहाल है। नगर पालिका ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। स्थिति यह है कि हर साल बरसात के मौसम में सड़कों पर जलभराव होता है। मामूली बारिश में ही गलियों और घरों तक में पानी भर जाता है। निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैं। पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद भारती का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अबकी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखे जाएंगे। सभी सभासदों के अलावा स्थानीय नागरिकों से उनकी समस्याएं और सुझावों को आमंत्रित किया जाएगा। उसके बाद अभियंताओं के साथ सर्वे कर समस्याओं के निस्तारण के स्थायी प्रबंध कराए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:24 AM (IST)
शहर फैला-आबादी बढ़ी, नहीं सुधरा ड्रेनेज सिस्टम
शहर फैला-आबादी बढ़ी, नहीं सुधरा ड्रेनेज सिस्टम

जासं, मैनपुरी: साल-दर-साल शहर के विकास का खाका तो खींचा गया, लेकिन बदहाल ड्रेनेज सिस्टम सुधारने की ओर कोई प्रयास नहीं हुए। बढ़ती आबादी के हिसाब से कॉलोनियां बसाई गईं, लेकिन, ड्रेनेज सिस्टम अब भी वर्षों पुराना ही है। शहर की स्थिति बदहाल है। नगर पालिका ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। स्थिति यह है कि हर साल बरसात के मौसम में सड़कों पर जलभराव होता है। मामूली बारिश में ही गलियों और घरों तक में पानी भर जाता है। निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैं। पालिका के अधिशासी अधिकारी लालचंद भारती का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अबकी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखे जाएंगे। सभी सभासदों के अलावा स्थानीय नागरिकों से उनकी समस्याएं और सुझावों को आमंत्रित किया जाएगा। उसके बाद अभियंताओं के साथ सर्वे कर समस्याओं के निस्तारण के स्थायी प्रबंध कराए जाएंगे।

loksabha election banner

पहले नहीं थी इतनी समस्या: वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. सुमंत गुप्ता का कहना है कि लगभग 20 साल पहले आबादी कम थी और ज्यादातर खुला क्षेत्र था। बारिश के पानी की निकासी आसानी से हो जाती थी। कॉलोनियां बसाई गईं, लेकिन जल निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं कराए गए। इसके निदान के लिए जिम्मेदारों को कार्ययोजना बनाकर काम करना होगा।

ये हैं समस्याएं:

फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान नाले तो बनाए गए, लेकिन पुलिया बनाने में मानकों का ख्याल नहीं रखा गया।

जल निगम द्वारा सीवर लाइन में बेहद कम चौड़ाई के पाइपों का इस्तमाल किया गया, जिसकी वजह से पानी निकल नहीं पाता।

लेनगंज में नालों पर अवैध ढंग से दुकानें बना ली गई हैं, जिसकी वजह से नालों की सफाई ही नहीं हो पाती।

स्टेशन रोड पर नाला ऊपर है और लोक निर्माण विभाग की सड़कें नीची हैं, जिसकी वजह से जलभराव होता है।

भदावर हाउस के पास बिछिया मोड़ पर पुलिया ऊंची बना दी गई, जबकि नाला में पाइप लाइन पड़ी है। ऐसे में कचरा जाम हो जाता है।

जल निगम ने सीवर के कनेक्शन करते समय नालियों में ही पाइप बिछा दिए। बारिश का पानी बहता ही नहीं है।

ये कहती पब्लिक

सड़क किनारे नाला का निर्माण ही नहीं कराया जाता। वर्षों से हम लोग जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। पालिका टेक्स वसूलती है, लेकिन सुविधा नहीं मिली। सनी सक्सेना, नगरिया।

हर साल समस्या होती है। जलभराव के बीच मकान तक डूबने लगते हैं। असल में जल निकासी की व्यवस्था ही नहीं है। अधिकारियों द्वारा काम ही नहीं किया गया। मनोज यादव, नगला रते।

कॉलोनी बस गई। बिजली विभाग ने कनेक्शन दे दिए लेकिन आज तक नगर पालिका द्वारा न तो सीवर से कनेक्शन दिए गए और न ही पानी निकासी को कोई योजना बनाई गई। हरिओम बाबा, शिवनगर।

बारिश में गलियों से निकलना भी दूभर हो जाता है। घुटनों तक भरे पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। न तो सभासद ने ध्यान दिया और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने। महेंद्र यादव, राजा का बाग।

वर्जन

यह समस्या है। योजना बनाई गई है कि इंजन पंपसेट और सेक्शन मशीन की मदद से प्लाटों में हुए जलभराव को खाली कराया जाएगा। बारिश के दौरान समस्या न आए, इसके लिए नालों की सफाई कराई जा रही है। जल निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से भी सहयोग के लिए कहा गया है। शिशुपाल, सफाई निरीक्षक।

यह कहते जानकार

जल निगम के सेवानिवृत्त अवर अभियंता अनुग्रह सिंह का कहना है कि कि इसके लिए सड़कों के निर्माण के साथ कार्यदायी संस्थाओं के तालमेल में कमी सबसे बड़ी जिम्मेदार है। निर्माण कार्य से पहले संस्थाओं द्वारा कोई योजना नहीं बनाई जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.