Move to Jagran APP

आचार संहिता के डर से सराफा कारोबार प्रभावित

चुनाव आयोग ने फुलाया कारोबारियों का दम कैश लेकर निकलने में सता रहा डर ग्राहकों में भी दिख रहा आदर्श आचार संहिता का खौफ चिता कहीं जब्त न हो जाए धन।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:13 AM (IST)
आचार संहिता के डर से सराफा कारोबार प्रभावित
आचार संहिता के डर से सराफा कारोबार प्रभावित

वीरभान सिंह, मैनपुरी। चुनावी सीजन में जहां दूसरे कारोबार के वारे-न्यारे हो रहे हैं, वहीं सराफा बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। नवरात्र के दिनों में आभूषणों की सबसे ज्यादा खरीदारी होती थी लेकिन अबकी ज्वैलरी की दुकानों पर आयोग की आदर्श आचार संहिता का खौफ साफ दिख रहा है। सहालग भी शुरू हो गया है। आयोग ने 50 हजार रुपये से ज्यादा का कैश साथ लेकर न चलने के आदेश की वजह से सराफा कारोबारी और ग्राहक दोनों ही आभूषण खरीदने और बेचने से बच रहे हैं। नवरात्र और सहालगों में करोड़ों का कारोबार करने वाले सराफा कारोबारी इन दिनों ग्राहकों के लिए तरस रहे हैं। होली के पहले के रेट

loksabha election banner

- सोना : 33900 रुपये प्रति 10 ग्राम

- चांदी : 41,200 रुपये प्रति किलो आज के भाव

- सोना : 32,800 रुपये प्रति 10 ग्राम

- चांदी : 38,500 रुपये प्रति किलो इसलिए थी अच्छे कारोबार की उम्मीद

- सहालग का सीजन होने के कारण एडवांस ऑर्डर के साथ नकद खरीदारी भी खूब होती है।

- नवरात्र की वजह से भी दुकानदारों को आभूषण कारोबारी में बढ़ोतरी की आस थी।

- वित्तीय वर्ष के समापन पर हर साल लोग आभूषणों की खरीदारी जमकर करते हैं। न हो सका उम्मीद के मुताबिक व्यापार

- शहर में आभूषणों की लगभग 90 फीसद खरीदारी नकद भुगतान में होती है।

- लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से 50 हजार रुपये से ज्यादा कैश लेकर चलने पर पाबंदी है।

- जांच में बिना कागजों के ज्यादा कैश पकडे़ जाने पर जब्त होने का खतरा और उसके बाद कार्रवाई का प्रावधान है। इनकम टैक्स की टीमें हैं सख्त

चुनाव आयोग नकदी के लेन-देन को लेकर बेहद सतर्क है। 50 हजार रुपये से ज्यादा कैश लेकर चलने वालों की तलाशी ली जा रही है। आयोग के सख्त निर्देश हैं कि 50 हजार के ऊपर की नकदी पकडे़ जाने पर यदि आवश्यक दस्तावेज न हों तो नकदी को जब्त कर लिया जाए। इतना ही नहीं, कार्रवाई भी की जाए। यही वजह है कि आयोग के निर्देश पर टीमें लगातार सख्ती कर रही हैं। बाहर का कारोबार ठप, लोकल भी कराह रहा

सराफा कारोबारी अतुल सक्सेना का कहना है कि चुनाव की वजह से पूरा कारोबार चौपट हो गया है। आभूषणों का ज्यादातर कारोबार नकद भुगतान पर ही निर्भर है। यहां के बमुश्किल पांच फीसद लोग ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भुगतान करते हैं। बाकी लोग नकद भुगतान ही करते हैं। आयोग की सख्ती से बाहर के कारोबारी पूरी तरह से शांत बैठे हैं और स्थानीय स्तर पर भी लोग खरीदारी से बच रहे हैं। सहालग का सीजन होने के बावजूद पूरा कारोबार चौपट पड़ा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.