बदहाली पर आंसू बहा रहा बरनाहल बस स्टैंड
कस्बे में बना रोडवेज बस स्टैंड अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। सालों से यहां बसों का आवागमन बंद है। अब तो बस स्टैंड भवन भी बदहाल हो चला है। बिल्डिगं के खिड़की और दरवाजे अराजक तत्वों ने चोरी कर लिए हैं। अब ये बस स्टैंड केवल आवारा जानवरों का अड्डा बन गया है।
संवाद सूत्र, बरनाहल : कस्बे का रोडवेज बस स्टैंड बदहाली पर आंसू बहा रहा है। वर्षो से यहां बसों का आवागमन बंद है। अब तो बस स्टैंड भवन भी बदहाल हो चला है। बिल्डिंग के खिड़की और दरवाजे अराजक तत्वों ने चोरी कर लिए हैं। अब यह बस स्टैंड केवल आवारा जानवरों का अड्डा बन गया है।
बरनाहल-मैनपुरी रोड पर मुरादपुर के पास वर्ष 2005 में बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था। उस समय 16 बसों का संचालन कस्बा के लिए होता था। जिसके चलते परिवहन निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी यहां नजर बनाए रहते थे। लेकिन अधिकारियों की बेरुखी के चलते धीरे-धीरे ये बस स्टैंड खंडहर होने लगा। पहले बसों ने यहां आना बंद किया तो सवारियों ने भी यहां आना बंद कर दिया। जिसके चलते अराजक तत्व भवन के खिड़की दरवाजे और अन्य कीमती सामान चोरी कर ले गए। हाल यह है कि भवन आज पूरी तरह खंडहर हो चुका है। यहां दिन भर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। गांव के लोगों ने कई बार बस स्टैंड के जीर्णोद्धार की मांग उठाई, लेकिन आज तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। एक बार फिर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से बस स्टैंड को शुरू कराए जाने की मांग की है। मांग करने वालों में बंटू यादव, मनीष गुप्ता, पवन यादव, मनीष कुमार, ¨मटू यादव, सुशील यादव, दीपू यादव, विकास यादव, राकेश कुमार, चरन ¨सह, वीरू चतुर्वेदी, दिनेश कुमार, ओमपाल ¨सह, यदुवीर ¨सह शामिल हैं।