'मेहमानों' के कलरव से गूंजा समान
सर्दियों के आते ही समान पक्षी विहार में देसी-विदेशी पक्षियों का आना हुआ शुरू।
जासं, मैनपुरी: सालभर वीरान रहने वाला समान पक्षी विहार सर्दी की दस्तक के साथ ही पक्षियों के कलरव से गूंजने लगा है। हर वर्ष इस मौसम में बड़ी संख्या में पक्षी कई देशों की सीमाएं लांघ हजारों किमी दूर से यहां आते हैं। इनमें आधा सैकड़ा से अधिक प्रजाति के पक्षी शामिल होते हैं। वन विभाग ने उक्त मेहमानों के स्वागत और सुरक्षा की पूरी तैयारी कर ली है।
विकास खंड किशनी के समान में 526 हेक्टेअर में शासन ने पक्षी विहार की स्थापना कराई है। यहां बनी झील देशी विदेशी पक्षियों को आकर्षित करती है। एक पखवाड़े से विदेशी मेहमान प¨रदों ने उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है। वन रेंजर किशनी रेंज ब्रजेश कुमार का कहना है कि सर्दियां बढ़ने के साथ पक्षियों की संख्या भी बढ़ती जाएगी। हर साल लगभग चार से पांच हजार किमी लंबी उड़ान भरकर विदेशी प¨रदे साइबेरिया, मध्य चीन, आस्ट्रेलिया और मंगोलिया के अलावा हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों से भी आते हैं। फरवरी तक यहां रुकते हैं। इसके बाद लौटने लगते हैं। ये पक्षी होते हैं आकर्षण का केंद्र: पक्षी विहार में डक, ¨पटेल, लिटिल कार्मोरेंट, लार्ज कार्मोरेंट, पर्पिल, हेरान, ग्रेहेरान, पर्पिल मोर हेन, बिच¨लग तील, गेडवाल, छोटा लालसर, ब्रिजन, कामन फीचर्ड, स्पार्ट बिल डक, वाइटनेट स्ट्राक, बिस¨लग टील, ¨कगफिशर, ब्रजबिन जैकान आदि प्रजाति के पक्षी आते हैं। एशियन विल स्ट्रांग, कार्मोरेंट, ¨पटेल ने घोंसले बनाकर अंडे भी दिए हैं। देखरेख की तैयारियां पूरी: पक्षियों के भोजन के लिए भी यहां इंतजाम कर लिए गए हैं। वन रेंजर बृजेश तिवारी ने बताया कि झील में पक्षियों तक चारा पहुंचाने के लिए बैंबू रेफ्टर बांस से नाव बनवाई गई है। सुरक्षा के लिहाज से झील की बैरीकेडिंग करा वनकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है।