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शहर के बाजार में नई करेंसी का बड़ा कारोबार

मैनपुरी में रिजर्व बैंक आफ इंडिया के नियमों को तार तार किया जा रहा है। शहर में नई करेंसी का कारोबार किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 12:09 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 12:09 AM (IST)
शहर के बाजार में नई करेंसी का बड़ा कारोबार
शहर के बाजार में नई करेंसी का बड़ा कारोबार

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : आरबीआइ ने भारतीय मुद्रा की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। मैनपुरी में यह पाबंदी कोई मायने नहीं रखती। यहां उपभोक्ताओं को करेंसी की किल्लत बता बैंकों से वापस लौटाया जा रहा है लेकिन बाजारों में उसी करेंसी का कारोबार बेखौफ चल रहा है।

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नोटों की माला दुकानों पर खुलेआम बेची जा रही है। कमीशन के इस खेल में बैंकों से सांठ-गांठ ही दुकानदारों को वह नई करेंसी मुहैया करा रही है जो अभी उपभोक्ताओं के हाथ भी नहीं लगी है। नोटबंदी के बाद से जिले में करेंसी की किल्लत लगातार जारी है। पिछले कुछ महीनों से उपभोक्ताओं को नई करेंसी देने से बैंकों द्वारा यह कहकर लौटाया जा रहा है कि आरबीआई से आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बाजार में नई करेंसी बेखौफ होकर दुकानों पर बेची जा रही है।

असल में जिले में वैवाहिक कार्यक्रमों में नोटों की माला पहनने का चलन पुराना है। शहर में कई ऐसी दुकानें हैं जो नोटों की नुमाइश लगा उनकी बिक्री करती हैं। इन दिनों दुकानों पर बिक रही माला में नए छपे हुए 50, 10, 100 और 20 रुपये के नोट शामिल हैं।

एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ग्राहकों द्वारा नई करेंसी की मांग की जाती है। बैंकों से उन्हें यह करेंसी आसानी से मिल जाती है। हर माला पर 80 से 150 रुपये कमीशन

दुकानदारों का कहना है कि इस कारोबार में ज्यादा टेंशन नहीं होती है। 500 रुपये की माला के लिए 80 से 100 रुपये का कमीशन ग्राहक से लिया जाता है। इससे ज्यादा बडे़ नोटों की माला तो आर्डर पर तैयार की जाती है। सहालग के सीजन में डिमांड ज्यादा होती है, लिहाजा हमें रुपयों की अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है। ग्राहक भी करेंसी की ही मांग करते हैं। अधिकारी कहिन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारतीय मुद्रा की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाई है। ऐसा करना अपराध है। यदि बाजारों में करेंसी बेची जा रही है, तो सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। नई करेंसी इन दुकानदारों के पास कहां से पहुंचती है, इसकी भी जांच होगी।

डीके अग्रवाल, अग्रणी जिला प्रबंधक, मैनपुरी।


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