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भागवत कथा जीवन जीने का सार

संसू अजीतगंज गांव दिवनपुर में कोरोना नियम का पालन करते हुए ग्रामीणों द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया गया। इस दौरान कथावाचक ने कहा भागवत कथा जीवन जीने का सार है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 04:18 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 04:18 AM (IST)
भागवत कथा जीवन जीने का सार
भागवत कथा जीवन जीने का सार

संसू, अजीतगंज: गांव दिवनपुर में कोरोना नियम का पालन करते हुए ग्रामीणों द्वारा भागवत कथा का आयोजन कराया। कथा वाचक पं. कैलाश नारायण दुबे ने नवरात्र समापन पर नवदेवी की विभिन्न कथाओं के बारे में विस्तार से बताया। माता जानकी और भगवान राम ने रावण वध से पूर्व माता गौरी की पूजा अर्चना की थी। नवरात्रि पर्व पर जो लोग श्रद्धाभाव से माता की आराधना करते हैं, उनके सभी कष्ट मिट जाते हैं। धर्म की राह पर चलकर प्राणियों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। धर्म की राह पर चलने वाले लोग परेशान हो सकते हैं, लेकिन पराजित नहीं। अच्छे संस्कारों के साथ मनुष्यों को जीवन यापन करना चाहिए। पूर्वजों की आज्ञा का पालन कर सदैव गरीब असहायों के प्रति सेवा भाव रखना चाहिए। इस अवसर पर ओमप्रकाश शर्मा, गिरजाशंकर दुबे, उमेश मिश्रा, कृपाल सिंह, ब्रजेश कुमार, कृष्णकांत, शिवकुमार, हरिओम मिश्रा, सुशील मिश्रा, सुभाष चन्द्र, राजेन्द्र सिंह मौजूद थे।

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