किस्त न मिलने से अधूरे पड़े शौचालय
मैनपुर के गांव किशनी के कश््यपनगर में ओडीएफ का सच डरावना है। पात्रता की सूची में तमाम लोग चुन लिए गए। उन्हें पहली किश््त मिली तो शौचालय का निर्माण भी शुरू हो गया, मगर बाद में किश््त नहीं मिली तो शौचालय भी अधर में लटक गए।
किशनी (मैनपुरी) : जिले को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित करने की राह आसान नहीं है। किसी भी गांव में जाइए, शौचायल का काम अधूरा नजर आता है। क्षेत्र के गांव कश्यपनगर और नगला अखे में भी लोग अब तक खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
फरैंजी ग्राम सभा के गांव कश्यप नगर में 50 परिवार रहते हैं, जबकि जटपुरा ग्रामसभा के नगला अखे में परिवारों की संख्या 60 से ज्यादा है। ग्रामीणों के मुताबिक इनमें से 50 फीसद को ही शौचालय योजना का लाभ मिला है। ज्यादातर को अब तक केवल आर्थिक मदद की पहली किस्त ही मिली है, ऐसे में निर्माण का काम अधूरा पड़ा हुआ है। वे अब तक दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं। गांव निवासी अनार देवी पत्नी संतोष कश्यप ने बताया काफी प्रयास के बाद उनका शौचालय बनना शुरू हुआ, लेकिन यह अब तक प्रयोग के लायक नहीं हो पाया है। दोनों गांवों में कमोबेश यही स्थिति है। शौचालय धनराशि आई नहीं और दे दिए नोटिस
नगला अखे निवासी राजेंद्र यादव, राजीव यादव, रेवती ¨सह का आरोप है कि शौचालय की सूची में उनका नाम है। लेकिन अब तक कोई किस्त नहीं मिली है। खंड विकास अधिकारी ने उन्हें जल्द शौचालय न बनवाने पर एफआइआर की चेतावनी दी है। वहीं गांव की उषा देवी पत्नी कृष्णमुरारी व कुसुमा यादव पत्नी बहादुर यादव ने बताया कि छह हजार रुपये की पहली किश्त आने के बाद अभी तक दूसरी किश्त नहीं आई है। इस कारण शौचालय अधूरा पड़ा है। अब तक लाभ मिलने का इंतजार
कश्यपनगर में अन्नपूर्णा पत्नी हरीराम बाथम, रीमा देवी पत्नी विनोद, सरिता देवी पत्नी महेश शंखबार, उर्मिला पत्नी राजेन्द्र कुमार, प्रीती पत्नी किशनपाल बाथम, सुधा पत्नी दफेदार, लक्ष्मी पत्नी अमरपाल को योजना का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि वह कई बार प्रधान और अधिकारियों को इस संबंध में प्रार्थना पत्र दे चुकी हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जिन लोगों को शौचालयों का लाभ नहीं मिला है। उनका सर्वे कराया जाएगा। दूसरी किस्त न आने के संबंध में भी जानकारी की जाएगी।
गणेश प्रसाद, बीडीओ