बगैर मित्र सूने पड़े आयुष्मान के कमरे, लोग हो रहे परेशान
मैनपुरी जासं जिले में आयुष्मान भारत योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रही है।
मैनपुरी, जासं : जिले में आयुष्मान भारत योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रही है। केंद्रों पर मित्रों की तैनाती नहीं है। ऐसे में मरीजों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जरूरतमंद और गरीबों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना का संचालन कराया जा रहा है। जिले में पिछले कई महीनों से योजना की स्थिति बेहतर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस योजना के तहत जिले में 20 अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है। इसमें दो सरकारी अस्पतालों के अलावा नौ सीएचसी और बाकी आठ निजी अस्पताल शामिल हैं। सरकारी संस्थानों की स्थितियां ज्यादा खराब हैं। जिले के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान मित्रों की तैनाती ही नहीं है। बगैर मित्रों के सीएचसी से संबद्ध लोगों को योजना की पूरी जानकारी ही नहीं हो पा रही है। ऐसे में ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को उपचार के लिए प्राइवेट अस्पतालों में महंगा खर्च करना पड़ रहा है।
मरीजों को दिलाएंगे लाभ
आयुष्मान मित्रों का मुख्य कार्य लोगों को आयुष्मान भारत योजना के बारे में जानकारी देना है। लाभार्थियों की जानकारी जुटाकर उनका पोर्टल पर पंजीकरण कराने के साथ गोल्डन कार्ड बनवाना और उसके तहत आने वाली बीमारियों की जानकारी देकर उपचार कराना भी शामिल है। सीएचसी पर मित्रों की तैनाती न होने की वजह से रोजाना लगभग दो से तीन सैकड़ा लोग जिला अस्पताल या दूसरे केंद्रों पर पहुंचते हैं। ये अस्पताल हैं योजना में शामिल
आठ निजी अस्पताल (रागिनी नर्सिंग होम, शिवानी हास्पिटल, डा. प्रमोद गुप्ता अस्पताल, सिटी हास्पिटल, पाठक नर्सिंग होम, हेमा आइ क्लीनिक, मैनपुरी नर्सिंग होम, जेबी मेमोरियल हास्पिटल) के अलावा जिला अस्पताल, 100 शैय्या मेटरनिटी विग और बाकी सीएचसी व पीएचसी शामिल हैं।
प्रक्रिया संचालित है। इसी सप्ताह आयुष्मान मित्रों की तैनाती की प्रक्रिया पूर्ण करा ली जाएगी। लोगों से अपील है कि वे पत्रों के आधार पर अपने गोल्डन कार्ड बनवाएं ताकि उन्हें योजना के तहत इलाज की निश्शुल्क सुविधा दी जा सके।
डा. एके पांडेय, सीएमओ।