जिला अस्पताल में नहीं है एंटी रैबीज वेक्सीन
जिला अस्पताल में अब एंटी रैबीज वेक्सीन भी खत्म हो चुकी हैं। ऐसे में यहां आने वाले पीड़ितों को वापस लौटना पड़ रहा है। वह बाहर से खरीदकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं। अस्पताल में दवाओं का भी टोटा है।
मैनपुरी : जिला में स्वास्थ्य सेवाएं बीमार हैं। लगभग डेढ़ माह से एआरवी (एंटी रेबीज वैक्सीन) का स्टॉक खत्म चल रहा है। ऐसे में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
जिले में आवारा कुत्तों के शिकार मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सिर्फ जिला अस्पताल में ही प्रतिदिन लगभग आधा सैकड़ा घायल पहुंच रहे हैं। चिकित्सक केवल परामर्श ही दे रहे हैं। लगभग डेढ़ महीने बीतने के बाद भी अस्पताल में एआरवी की खेप नहीं पहुंची है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ता है। पीड़ितों को प्राईवेट मेडिकल स्टोर्स से 340 से 360 रुपये में इंजेक्शन खरीदने पड़ रहे हैं। अब तो सामान्य दवाएं भी हुईं खत्म
जिले में स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। जिला अस्पताल में तो सामान्य दवाएं भी खत्म हो चुकी हैं। न तो बुखार से राहत दिलाने वाली पैरासिटामोल टेबलेट है और न ही एंटीबायोटिक और एंटीएलर्जिक दवाएं। दूर-दराज से आने वाले मरीजों की चिकित्सकों और स्टाफ के साथ आए दिन कहासुनी हो रही है। जन औषधि केंद्र भी मरीजों को सभी दवाओं की आपूर्ति नहीं करा पा रहा है। परेशान मरीजों और तीमारदारों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदकर उपचार कराना पड़ रहा है। 'दवाओं को लेकर लगातार मांगपत्र भेजे जा रहे हैं। लेकिन, अभी तक आपूर्ति नहीं मिली है। मांगपत्र के सापेक्ष बहुत कम दवाएं भेजी जाती हैं। जो भी दवाएं हैं, फिलहाल उन्हीं से मरीजों को राहत देने का काम किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को भी स्थिति से अवगत करा दिया गया है।'
डॉ. आरके सागर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
जिला चिकित्सालय, मैनपुरी।