उपचार के लिए भटक रहे मरीज, सीएचसी पर नहीं मिलते डाक्टर
कोरोना संक्रमण के दौर में शासन ने ओपीडी का संचालन बंद कर
संवाद सूत्र, घिरोर (ंमैनपुरी): कोरोना संक्रमण के दौर में शासन ने ओपीडी का संचालन बंद कर दिया था। अब संचालन शुरू होने के बाद भी चिकित्सक केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं। मनमानी के चलते मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों से मायूस लौटना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोधना से तो वैक्सीनेशन कराने वाले एक मरीज को ही बिना उपचार लौटा दिया गया। शनिवार को मरीज की हालत बिगड़ने पर ग्रामीणों ने सीएचसी के बाहर प्रदर्शन किया।
शनिवार दोपहर में गांव गोधना के ग्रामीणों ने सीएचसी के बाहर प्रदर्शन कर चिकित्सा अधीक्षक को हटाए जाने की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि गोधना निवासी शशि कुमार पुत्र रामवीर सिंह ने बीती सात जुलाई को वैक्सीन लगवाई थी। इसके बाद उसके शरीर पर कुछ फफोले निकल आए। बुखार भी आया। वह शुक्रवार को सुबह करीब 10 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोधना पहुंचा तो अस्पताल में कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। लगभग डेढ घंटे इंतजार के बाद भी जब कोई नही आया तो शशि कुमार सीएचसी प्रभारी डा. प्रवीण कुमार के अस्पताल स्थित आवास पर पहुंच गया। शशि कुमार का आरोप है कि वहां डा. प्रवीण कुमार ने न तो उसको दवा दी और न ही पर्चा बनवाया। यह कहकर लौटा दिया कि आप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चले जाओ, वहीं पर आपको दवा मिल पाएगी। हमारे यहां इसकी कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
शनिवार को शशि कुमार की तबियत ठीक नहीं हुई तो ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर नारेबाजी की। डा. प्रवीण कुमार को हटाए जाने की जिलाधिकारी से मांग की। ग्रामीणों का आरोप था कि सीएचसी गोधना पर जरूरतमंदों को न दवा मिल रही है और न परामर्श। प्रदर्शन करने वालों में अजय कुमार, विमलेश कुमार,अमित कुमार, आशीष कुमार, मिलन कुमार, सोनू, छोटू, रीमा देवी , श्रीमती देवी, विकास, शैलेन्द्र, दिलीप,प्रधानपति राजू कठेरिया आदि शामिल थे।