विश्व का अद्वितीय ग्रंथ है श्री रामचरितमानस
जागरण संवाददाता, महोबा : ग्राम महेबा में आयोजित हुए मानस सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगीता
By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 05:10 PM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 05:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, महोबा : ग्राम महेबा में आयोजित हुए मानस सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगीताचार्य जगप्रसाद तिवारी ने कहा कि श्री रामचरितमानस विश्व का अद्वितीय ग्रंथ है। यह हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। इसका अध्ययन लोग देश ही नहीं विदेशों में भी कर रहे है।
उन्होंने कहा कि मानव शरीर भारत में मिल जाए तो इससे बड़ा भाग्य और कुछ नहीं हो सकता। विश्व के किसी देश की धरती को माता शब्द से नहीं पुकारा जाता लेकिन हमारे देश की धरती को भारत माता कहा जाता है। यहां भगवान ने चौबीस बाहर अवतार लिया है और विभिन्न महापुरुषों का जन्म भी यहीं पर हुआ है। आयोजक भाष्कर दत्त द्विवेदी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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