नगर पालिका कोमा में गई, इंद्रियों ने काम करना किया बंद !
जागरण संवाददाता, महोबा: प्रमुख सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश को भेजे पत्र में पालिका निवासी ने
जागरण संवाददाता, महोबा: प्रमुख सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश को भेजे पत्र में पालिका निवासी ने कहा है कि नगर पालिका परिषद महोबा कोमा में चली गई है। साथ ही उसकी इंद्रियों ने भी काम करना बंद कर दिया है। इसी लिए शेखू नगर की सड़क चार वर्ष से नहीं बन पा रही है। तहसील दिवस में 32 शिकायती पत्र दिए गए लेकिन सड़क आज तक नहीं बन पाई।
शेखूनगर निवासी सेवा निवृत्त पेशकार कलेक्ट्रेट विष्णु चंद्र खरे ने भेजे गए पत्र में कहा कि कि समाधान दिवस में दिए गए 32 प्रार्थना पत्रों का उच्चाधिकारियों को भ्रमित कर फर्जी निस्तारण किया गया। एसडीएम ने अपनी जांच आख्या में बताया कि निस्तारण को उच्चाधिकारियों को भ्रमित करने वाला बताया। मुख्यमंत्री को दिसंबर 17 को पत्र भेजकर सड़क निर्माण की मांग की जा चुकी है। मोहल्लेवासी सालों से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। महोबा से दिल्ली तक भेजे गए प्रार्थना पत्र निर्देश सहित नगर पालिका कार्यालय में प्राप्त हो चुके हैं। पत्र में आरोप है कि पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि निर्माण कार्य में अवरोध पैदा कर रहे हैं। वीसी खरे ने जन सूचना अधिकार के तहत प्रमुख सचिव से पूछा है कि नगर पालिका या नगर पंचायत में अध्यक्ष प्रतिनिधि का पद किस शासनादेश या किस नियम से प्रावधनित है। स्थानीय मामलों में पालिका अध्यक्ष से भी अधिक दखलंदाजी कहां तक उचित है। प्रतिनिध का कार्यालय में अध्यक्ष के चैंबर में बैठना, पालिका अभिलेखों का अवलोकन करना, मौके पर निर्माण कार्य का जायजा लेना, उच्चाधिकारियों की मी¨टग में भाग लेना किस शासनादेश या किस नियम के अनुरूप है। चार वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क नहीं बन पाई। अब विष्णु चंद्र खरे उच्च न्यायालय जाने की बात कह रहे हैं।