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साहब! आठ बजे से बैठ हैं, कौनऊ डॉक्टर नईयां..

दृश्य-1 सुबह नौ बजे व्हीलचेयर पर बैठे दिव्यांग हिलुआ गांव निवासी 46 वर्षीय रणधीर ¨सह अपनी पत्

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 11:17 PM (IST)
साहब! आठ बजे से बैठ हैं, कौनऊ डॉक्टर नईयां..

दृश्य-1

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सुबह नौ बजे व्हीलचेयर पर बैठे दिव्यांग हिलुआ गांव निवासी 46 वर्षीय रणधीर ¨सह अपनी पत्नी के साथ आए थे। बताया कि आठ बजे से बैठ हैं, कोनऊ डाक्टर नईयां..। उन्हें शरीर में दर्द और बुखार आने की परेशानी है। पूर्वाह्न 11 बजे तक इंतजार करते रहे, फिर लौट गए।

दृश्य-2

जिले के रहुनिया गांव निवासी काशी सर्दी जुकाम व बुखार का इलाज कराने आए थे। वह पिछले दो दिन से जिला अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन यहां डॉक्टर 12 बजे तक नहीं आते। ऐसे में वह किससे इलाज कराएं। कहते हैं कि यहां गरीबों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।

दृश्य-3

मुख्यालय के भटीपुरा मुहाल की रहने वाली 58 वर्षीय सियारानी ने बताया कि उसे चक्कर आ रहे हैं। डॉक्टर को दिखाने आए थे। सुबह के 11 बज गए हैं, पर डॉक्टर नहीं आए। बोलीं, कुछ देर और इंतजार करते हैं फिर प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने जाएंगी।

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जागरण संवाददाता, महोबा : यह तो रहा मरीजों का दर्द, अब जानिए हकीकत। बुधवार को सुबह नौ बजे जिला अस्पताल में घुसते ही जागरण टीम को डॉक्टरों का इंतजार कर रहे मरीज मिले। समय के साथ मरीज आते जा रहे थे, लेकिन डॉक्टरों का आना शुरू नहीं हुआ था। पूर्वाह्न 11.15 बजे तक डॉ. आरबी आर्या, डॉ. केडी गुप्ता अपने-अपने कक्षों से नदारद थे। डॉ. गुलशेर भी कक्ष में मौजूद नहीं थे, बताया गया कि वह इमरजेंसी ड्यूटी पर है। डॉक्टर साहब के कक्षों में न रहने के कारण मरीज भटक रहे थे। ऐसा नजारा यहां रोजाना ही रहता है। उच्चाधिकारियों की हिदायत के बाद भी मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा।

प्रतिदिन 1000 से 1500 मरीज आते

जिला अस्पताल में औसतन प्रतिदिन 1000-1500 मरीज आते हैं। मानकों के सापेक्ष यहां 25 डॉक्टर होने चाहिए लेकिन इसके आधे भी नहीं हैं। मजबूरन मरीजों को झोलाछाप का सहारा लेना पड़ता है।

ओपीडी से इमरजेंसी के बीच भटकना मजबूरी

जिला अस्पताल में समय से डॉक्टरों के नहीं बैठने पर मरीजों और उनके तीमारदारों को ओपीडी से इमरजेंसी तक भटकना पड़ता है। इमरजेंसी में सभी का इलाज संभव नहीं हो पाता है।

क्या कहते हैं अधिकारी

सभी डॉक्टरों को समय पर कक्षों में पहुंचने को कहा गया है। हो सकता है कि कोई डॉक्टर वार्ड में राउंड पर हो। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

- यूवी ¨सह, सीएमएस


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