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गुनाहों से तौबा की रात है शब-ए-बरात

कोरोना वायरस के चलते इस शब-ए-रात पर्व पर मुस्लिम समाज ने परंपरा से इतर घर में रहकर ही शब-ए-बारात की रात्रि जागने की पहल की है। इस दौरान

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 06:08 AM (IST)
गुनाहों से तौबा की रात है शब-ए-बरात

जागरण संवाददाता, महोबा : कोरोना वायरस के चलते इस शब-ए-रात पर्व पर मुस्लिम समाज ने परंपरा से इतर घर में रहकर ही शब-ए-बारात की रात्रि जागने की पहल की है। इस दौरान सभी लोग घरों में इबाइत कर आल्लाह से अपने गुनाहों की माफी माँग कर नेक राह पर चलने की दुआ करेंगे।

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शब-ए-बारात पर आज ही इंसान अमलो आमाल का हिसाब होगा। कोरोना वायरस से निजात की दुआ माँगी। महोबा नगर के शहरकाजी मोहम्मद आफक हुसैन ने सभी से अपील की थी कि वे घर में रहकर ही शब-ए-बारात मनाएं। जिसमें घर में महिलाओं व बच्चों ने शारीरिक दूरी का ख्याल रखकर नफिल नमाज पढ़ी व कुरान की आयतें पढ़ी, सुबह रोजा रखा।

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महोबा: शहर काजी के अलावा चरखारी शहर काजी मौलान शकील अहमद ने भी अपील किया कि अपने घरों में जागकर नमाज पढें, तिलावत करें, नफल पढ़े। लॉक डाऊन का पालन कर कब्रिस्तान न जाएं। पर्व पर मस्जिदों व मजारों को सजाया गया। आम व्यक्ति के लिए प्रवेश पर रोक लगी रही।

सभी ने अल्लाह से रो रो कर कोरोना वायरस से निजात की दुआ मांगी व रोजा रखे। दिन व रात में भीड़ न लगाने के आदेश का पालन किया गया। महोबा जनपद के चरखारी, कुलपहाड़, पनबाड़ी, जैतपुर, अजनर, श्रीनगर, खरेला, कबरई आदि में मुस्लिम के घरों में शब-ए-बारात मनाई गयी।


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