सभी को देखा-सुना अब फैसला मतदाता करेंगे
जागरण संवाददाता महोबा गांव की सरकार को लेकर ग्रामीणों में कहीं नाराजगी झलक रही ह
जागरण संवाददाता, महोबा: गांव की सरकार को लेकर ग्रामीणों में कहीं नाराजगी झलक रही है तो कहीं संतोष दिख रहा है। बहुतों को काम हुआ कि नहीं इससे अधिक फर्क नहीं पड़ता। क्षेत्र में मतदाताओं के बीच बातचीत के दौरान एक बात जरूरत खुल कर सामने आ रही है, कि वह बहुत देख चुके सुन चुके अब अपने मताधिकार के बल पर ही फैसला करेंगे। इसमें चाहे जिला पंचायत सदस्य सीट हो या गांव के प्रधानी का पद। सभी के प्रति लगभग एक सी राय दिख रही है।
चरखारी तहसील क्षेत्र के आसपास गौरहारी और सूपा जिला पंचायत का क्षेत्र आता है। यहां की सड़कों की दशा से लेकर कई संपर्क पुल-पुलिया की खस्ताहाल दशा को लेकर मतदाताओं में रोष है। अभी सूपा के पहले चार-पांच लोग बैठे हैं उनसे बातचीत के दौरान रविद्र कहते हैं कि सूपा को जाने वाली सड़क तीन चार साल से यूं ही पड़ी है। रात में यहां से निकलना खतरे से खाली नहीं है। अब बताओ मतदाता किस पर विश्वास करे। पास में खड़े गंगादीन कहते हैं कि इस बार वोट तो उसी को जो हम लोगों के हित की बात पर खरा उतर सके। गनेशी, देशराज, रामस्वरूप कहते हैं कि जब भी चुनाव का मौका आता है तो उम्मीदवार मीठे बोल बोलते हैं, जीतने के बाद नजर नहीं आते। हरिचरन, अरविद भी उधर से आते ही इस चर्चा में शामिल हो जाते हैं। इनका भी मत यही है।
यहां करीब तीन किलो मीटर का सफर तय कर मुहारी गांव पहुंचे। यहां एक चबूतरे पर दशरथ, जितेंद्र और हरिदयाल मिलते हैं। चुनावी परिचर्चा होते ही जितेंद्र कहते हैं कि इस समय तो तस्वीर साफ नहीं है। दशरथ शिकायती अंदाज में कहते हैं, जो भी जीत जाता है वह दोबारा झांक कर यहां देखने नहीं आता। सड़क कब से खराब है इसे सही कराया जाना चाहिए था लेकिन जनप्रतिनिधि को यहां आना का समय ही नहीं है। बात बढ़ती देख यहां से अपना सफर आगे बढ़ा दिया। करीब चार किलो मीटर दूर अतरपठा पहुंचे तो यहां सुजान सिंह, पुष्पेंद्र व देवपाल तथा शंभू एक दुकान के सामने खड़े मिले। पूछने पर देवपाल बोले इस बार मतदाताओं के पास खेती किसानी का काम बहुत है, इन हालातों में चुनाव पर अधिक नजर तो नहीं है लेकिन फिर भी जनता में उन नेताओं के प्रति नाराजगी है जो मौका परस्त हैं। फिर चाहे वह जिला पंचायत से जुड़े हों या ग्राम पंचायत प्रधान। जिला पंचायत में सूपा हो या गौरहारी किसी भी क्षेत्र का सदस्य जीतने के बाद इस क्षेत्र में झांकने तक नहीं आया। यहां से आगे करीब तीन किलो मीटर दूर भटेवरा की ओर बढ़े तो रास्ते में कमलेश, सुरेश बगीचे के पास बैठे मिले। इनका कहना है कि इस बार जनता में सड़क, पानी की समस्या ही मुद्दा है। मतदाता शिकायत करते पस्त हो चुके हैं। वादा तो बहुत हुए लेकिन काम कहीं नहीं किए गए।