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मकान नंबर प्लेट बिक्री फर्जीवाड़े में सचिव भी घिरे

जागरण संवाददाता महोबा पंचायतों में मकान नंबर प्लेट लगवाने के लिए जो लेटर जारी हुआ था

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 05:57 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 05:57 PM (IST)
मकान नंबर प्लेट बिक्री फर्जीवाड़े में सचिव भी घिरे

जागरण संवाददाता, महोबा: पंचायतों में मकान नंबर प्लेट लगवाने के लिए जो लेटर जारी हुआ था, उसमें बीडीओ के हस्ताक्षर थे। इसी को देख कर ही प्रधानों ने भी टीम पर भरोसा किया था। इसके बाद पंचायत सचिव ने भी प्रधान को मौखिक सहमति दी थी। इसी विश्वास के बाद प्रधान की ओर से ग्रामीणों को पचास रुपये कीमत पर नंबर प्लेट खरीदने को कहा गया था। फिलहाल इस मामले में अब पंचायत सचिव के साथ ब्लाक स्तर के अधिकारी भी फंसते नजर आ रहे हैं।

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चरखारी ब्लाक की पंचायत रिवई के प्रधान श्रीपत कहते हैं कि उन्हें चार सदस्यों की टीम ने एक पत्र दिखाया था। इसमें खंड विकास अधिकारी के हस्ताक्षर होने पर कोई शक नहीं हुआ। बाद में इसकी सत्यता परखने के लिए पंचायत सचिव नरेश यादव को फोन किया। इस पर उन्होंने भी कहा कि ठीक है टीम का सहयोग कर दो। इसी के बाद गांव में लोगों को मकान नंबर प्लेट पचास रुपये में खरीदने को कहा था। सहमति देने से पहले सचिव ने भी नहीं सोचा कि इस तरह का आदेश गांवों में कैसे लागू हो सकता है। इससे अब कहीं न कहीं इस पूरे फर्जीवाड़े का राज और गहराता जा रहा है। मामले की गहराई से जांच हुई तो कई अधिकारी भी घेरे में आ सकते हैं।

इसी ब्लाक की पड़ौरा, सूपा पंचायत में भी मकान नंबर प्लेट बिक्री की गई थीं। आरोपित रामलाल, दीपक ओझा का कहीं पता नहीं है। कुछ ग्रामीणों का पैसा जरूर वापस किया गया है। मामले में रिवई ग्राम पंचायत सचिव नरेश यादव कहते हैं कि उन्होंने लेटर देख कर ही प्रधान को मदद करने को कहा था। बाद में ग्रामीणों के रुपये वापस कराए गए हैं।


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