पर्यावरण के लिए खतरनाक बनती जा रही प्लास्टिक
पर्यावरण के लिए खतरनाक बनती जा रही प्लास्टिक
पर्यावरण के लिए खतरनाक बनती जा रही प्लास्टिक
जागरण संवाददाता, महोबा: सिंगल यूज प्लास्टिक यानी एक बार प्रयोग करने के बाद दोबारा उनको उपयोग में नहीं ला सकते। इन्हें पूरी तरह जलाया भी नहीं जा सकता है। जलने पर हवा को प्रदूषित करते हैं। इस तरह के प्लास्टिक का सबसे अधिक उपयोग शहर के बड़े छोटे होटल और रेस्टोरेंट आदि में हो रहा है। इस पर प्रतिबंध के बाद भी रोक नहीं लग पा रही है। सरकार ने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। प्रदूषण से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके बाद भी इसका उपयोग रुक नहीं नहीं रहा है। इसका उपयोग करने के बाद फेंक देने पर खाद्य सामग्री के साथ यह प्लास्टिक मवेशी के पेट तक पहुंच जाती है। जिससे वह बीमार हो रहे है।
जिने में हर दिन हो रहा 60 किलो सिंगल प्लास्टिक का उपयोग
जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल गांव की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में अधिक हो रहा है। शहर में बड़ी संख्या में रेस्टोरेंट और खाने पीने की दुकानों, गिलास, प्लेट, चम्मत, कांटा, जूस की दुकानों में इसका प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। थोक दुकानदारों की बिक्री के अनुमान से जिले में करीब 60 किलोग्राम प्रतिदिन सिंगल यूज प्लास्टि की खपत है। जिसके निस्तारण की जिले में कोई व्यवस्था नहीं है। इसे सफाई के दौरान कूड़ा में भरकर डंपिंग स्टेशन तक पहुंचाया जाता है। वहीं कई स्थानों पर इसे जला दिया जाता है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
प्लास्टिक हवा पानी को करती है प्रदूषित
प्लास्टिक लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती है। इससे लोग कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। महोबा जिला अस्पताल के सीएमएस डा. आरपी मिश्रा ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक हमारी सेहत पर बुरा प्रभाव डालती हैं। प्लास्टिक सालों साल तक नष्ट नहीं होता। प्लास्टिक को जलाने पर धुआ होता है तो वायुमंडल को प्रदूषित करती हैं। उन्होंने बताया कि इससे आंतों में इंफेक्शन आदि की समस्या होती है। डा. आरपी मिश्रा ने बताया कि खाने पीने की चीजों का उपयोग प्लास्टिग में रख कर या उनकी पैकिंग में नहीं करना चाहिए। प्लास्टिक की बोतल के बजाय पानी के लिए कांच की बोतल का इस्तेमाल करना चाहिए।
सिंगल यूज प्लास्टिक के दायरे में आने वाली चीजें
प्लास्टिक कैरी बैग, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के कप, प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक के कांटे, प्लास्टिक के चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, प्लास्टिक ट्रे, मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाले फिल्म, आमंत्रण पत्र, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक आदि शामिल हैं।
पालीथिन की रोक के लिए चलाया जा रहा अभियान
सदर एसडीएम जीतेंद्र कुमार ने बताया कि जुलाई से लगातार प्लास्टिक को एकत्र करने और उसकी बिक्री को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। करीब 70 लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ दो सौ किलो के करीब प्लास्टिक की बरामदगी भी हो चुकी है।