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दुकानों की तरह सजे नर्सिग होम, रुपये ऐंठकर करते रेफर

जागरण संवाददाता महोबा इंसान के साथ भी कोई ऐसा सुलूक कर सकता है यह सुन कर रोंगटे

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 09:02 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 09:02 PM (IST)
दुकानों की तरह सजे नर्सिग होम, रुपये ऐंठकर करते रेफर
दुकानों की तरह सजे नर्सिग होम, रुपये ऐंठकर करते रेफर

जागरण संवाददाता, महोबा: इंसान के साथ भी कोई ऐसा सुलूक कर सकता है, यह सुन कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन ऐसा ही होता है इन चोरी से संचालित होने वाले नर्सिंगहोमों में। शहर में ही नहीं क्षेत्रों का भी यही हाल है। दैनिक जागरण ने महोबा मुख्यालय से लेकर कुलपहाड़, बेलाताल, चरखारी, कबरई, श्रीनगर आदि क्षेत्र में पड़ताल की तो हालात देख होश उड़ गए। यहां तो केवल पैसा कमाने के लिए ही इलाज के नाम पर खेल होता मिला।

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गांधी नगर में संचालित प्राइवेट अस्पताल में बोर्ड तो ट्रामा सेंटर का नहीं लगा है लेकिन अंदर पता चला कि यहां हर मर्ज का इलाज हो जाएगा। सुभाषनगर निवासी कमला ने बताया कि हाथ की हड्डी टूट गई थी। यहां के पैथालाजी में चेक करने के बाद डाक्टर ने प्लास्टर चढ़ाया था। पर अभी सुधार नहीं हो सका है। शहर के बीचो बीच आबादी मगरियापुरा के पास एक प्राइवेट अस्पताल में पसवारा गांव के एक व्यक्ति के पैर की तीन साल पहले डाक्टर ने हड्डी उल्टी जोड़ दी थी। बाद में गांव के लोगों ने आकर हंगामा भी किया था। कुलपहाड़ में गोंदी चौराहे के पास एक अस्पताल इसी तरह संचालित है। यहां भी ट्रामा सेंटर का बोर्ड तो नहीं लगा है लेकिन प्लास्टर आदि चढ़ा कर किसी भी तरह की हड्डी को जोड़ने का दावा स्टाफ मरीजों से करता है। फीस के नाम पर पांच सौ रुपये से कम नहीं वसूले जाते। पनवाड़ी में राठ रोड पर प्राइवेट अस्पताल में मरीजों की जिदगी से खिलवाड़ हो रहा है। महोबा रोड पर भी ऐसा ही अस्पताल संचालित है। यहां मौजूद एक तीमारदार से पूछा अंदर कौन भर्ती है। उसने बताया कि उसके पिता गिर गए थे। सिर में चोट है। पैथालाजी में जांच के दौरान सिर की हड्डी ब्रेक बताई है। डाक्टर से बात हुई तो कहा है कि इलाज हो जाएगा।

पहले ऐंठते रुपये, न संभालने पर करते रेफर

गांधी नगर निवासी सत्यम के पैर की हड्डी टूट गई थी। प्राइवेट अस्पताल में दिखाया। पहले प्लास्टर चढ़ाया। फिर 20-25 दिन बाद उसे खोला गया। फिर भी आराम नहीं मिला तो उसे झांसी दिखाने को कहा। उससे करीब दस हजार रुपये वसूले गए। एक अन्य मामले में चरखारी निवासी सलीम ने बताया कि उसके चाचा के हाथ की हड्डी गिरने से टूट गई थी। कुलपहाड़ में उसने इलाज कराया था। करीब एक माह तक इलाज कराया। फिर भी फायदा नहीं हुआ।

प्राइवेट अस्पताल में यदि मानक के अनुसार इलाज नहीं किया जा रहा है तो जांच के बाद कार्रवाई होगी। यदि कहीं कोई फर्जीवाड़ा हो रहा है तो उसकी शिकायत करें कार्रवाई होगी।

- डा. मनोजकांत सिन्हा, सीएमओ, महोबा


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