शहर की तस्वीर को संवारने की जरूरत
जागरण संवाददाता महोबा महोबा का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इसे संभालने पोषित करने वालों ने ह
जागरण संवाददाता, महोबा: महोबा का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इसे संभालने, पोषित करने वालों ने ही इसका शोषण किया। सरकार की ओर से सख्ती के बाद भी शहर में भू-माफिया का ऐसा चक्रव्यूह तैयार है कि उसे कोई नहीं तोड़ पा रहा। जमा अवैध कब्जे हटवा कर प्राचीन धरोहरों की देखरेख करने की जरूरत है। इस बार इसके लिए अतिरिक्त बजट देकर साथ ही भू-माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
महोबा में प्राचीन धरोहर ही नहीं और भी कई ऐसी जमीन हैं जहां बिना किसी लिखा पढ़ी के कब्जा जमा हुआ है। यहां तक कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न हो इसके लिए शहर का पुराना नक्शा तक गायब कराया जा चुका है। सरकार को चाहिए कि प्राचीन नक्शा तलब करा कर यहां की धरोहरों की सुरक्षा हो और भू-माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। जारी हो बजट
प्रोफेसर एलसी अनुरागी कहते हैं कि जिले की चंदेलकालीन धरोहरों के संरक्षण की आवश्यकता है। जहां अवैध कब्जा जमा हैं उन्हें चिहित करके संरक्षित किया जाना चाहिए। सरकार को इस बार इसके लिए अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है। बुंलेली समाज संयोजक तारा पाटकर का कहना है कि गोरखगिरि सहित और कई प्राचीन धरोहरों की देखरेख के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए। इससे जिले की विरासतों को नव जीवन मिलेगा। देखरेख के लिए गठित हों टीम
जिले में कई प्राचीन जगह हैं जहां माफिया काबिज हैं, उन्हें खाली कराने की जरूरत है। दुकानदार पवन प्रजापति का कहना है कि माफिया पर कार्रवाई के लिए टीम गठित की जानी चाहिए। जो ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे। कन्हई लाल अवस्थी का कहना है कि शहर को बचाना है तो अवैध कब्जेदारों के खिलाफ जांच टीम गठित कर सख्ती करनी होगी।
बनाया जाए रास्ता
शहर में जो भी प्राचीन धरोहरें हैं उन तक लोग आसानी से पहुंच सकें इसके लिए रास्ता बनाया जाए। इस बार बजट में इसके लिए अतिरिक्त धन आवंटन करके इसकी व्यवस्था करने की जरूरत है।