गोली लगने के पहले 26 घंटे लापता थे इंद्रकांत
जागरण संवाददाता महोबा कबरई के दिवंगत व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी के मामले में एक नई जानक
जागरण संवाददाता, महोबा : कबरई के दिवंगत व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी के मामले में एक नई जानकारी अब सामने आई है कि वह गोली लगने के पहले 26 घंटे से लापता था। छह सितंबर शाम को जब वह घर लौटे तो बिना कुछ खाए सीधे कमरा में जाकर लेट गए थे। दूसरे दिन सात सितंबर को वह स्नान-पूजन के बाद नाश्ता कर करीब 11 बजे घर से निकल गए। दोपहर 12 बजे के करीब इंद्रकांत का वीडियो वायरल हुआ तो भाई रविकांत घर पहुंचे। पत्नी रंजना से पूछा कि यह वीडियो कैसा है? तब रंजना ने उन्हें शाम से सुबह तक का वाकया बताया। रविकांत, इंद्रकांत के सहयोगी बालकिशोर और पुरुषोत्तम सोनी तलाशते हुए क्रशर पहुंचे। इंद्रकांत का फोन ऑफ बता रहा था।
एसआइटी को दिए बयान में भी बालकिशोर ने जिक्र किया था कि वह पहले इंद्रकांत को महोबा में तलाशते रहे। इसके बाद छतरपुर निकल गए थे। रविकांत कहते हैं, पूरा दिन भइया कहीं नहीं मिले और उनका फोन भी नहीं लगा तो वह घर चले आए थे। शाम को एक बार फिर से एक ऑडियो वायरल हुआ तो चिता और बढ़ गई। फोन फिर से मिलाया तो बंद बताया। इधर, इंद्रकांत की पत्नी रंजना और बच्चे पूरी रात उनका इंतजार करते रहे। भाई के अनुसार आठ सितंबर सुबह एक वीडियो और वायरल हुआ जिसमें इंद्रकांत बेहद परेशान दिख रहे थे। उसमें अपनी जान को खतरा बताया गया तो चिता और बढ़ गई। उधर, व्यापारी के साले बृजेश को एक व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को आशू भदौरिया बताया। बोला, अपने जीजा इंद्रकांत से बता दे कि राजा साहब नाराज हैं। यह भी कहा कि उसने इंद्रकांत को फोन किया, लेकिन बंद बता रहा है। इंद्रकांत की खोज चल ही रही थी कि इतने में रविकांत के पास फोन आया कि इंद्रकांत को गोली लगी है, वह खोड़ा गांव के पास अपनी गाड़ी में घायल मिले हैं। कानपुर के अस्पताल में 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई। यह सारी बातें रविकांत ने एसआइटी को भी बताई हैं।